Sunday 22 October 2023

पप्पु जी की रानी " लंड धारी कन्या

रानी चुपके से पप्पू जी के कमरे में घुस गई और उनकी अलमारी में से उनकी मर्दाना अंडरवियर उठा के उसकी खुशबू सूंघने लगी.  रानी चड्डी सूंघ के ऐसे मुँह बना रही थी जैसे कि सांड गाय को सूंघ के मुह बनाता है , बड़ी अजीब सी हरकत कर रही थी पर औऱ भी अजीब सी बात ये थी कि रानी की स्कर्ट भी आगे से उठी हुई सी लगने लग रही थी जैसे कि रानी ने वह कुछ फंसाया हुआ हो या स्कर्ट पे कोई सल पड़ी हुई हो।

 तभी रानी ने दरवाजे की तरफ पीठ करी औऱ अपनी स्कर्ट उतारने लगी , फिर चड्डी भी उतारी और पप्पू जी की चड्डी पहनने लगी 
जब रानी चड्डी पहनके वापिस मुड़ी तो पप्पूजी की अमूल माचो वाली चड्डी के आगे बडा सा ऊभार नज़र आ रहा था , समझ आया कि स्कर्ट का उभार असल मे चड्डी के ऊभार की वजह से था ।

बड़ी अजीब बात थी , दुबली पतली 17 साल की लड़की जिसके की अभी स्तन भी ठीक से नही उभरे थे उसकी चड्डी पे इतना उभार !
उसे मर्दो वाली अंडरवियर पहनना पसंद था औऱ वो जब भी मौका मिलता तो मर्दाना चड्डी ही पहनती थी , इसीलिये वो पप्पूजी के कमरे में आई थी,

उसे पप्पू जी की चड्डी पहनना पसंद आने लगा था क्योंकि उसमें उसके अंग को आराम मिलता था क्योंकि लड़को की चड्डी में आगे जगह होती है ना और रानी का अंग यानी कि लन्ड काफी बडा था। जी हा , रानी एक लड़धारी कन्या थी , जैसे कि पहले के जमाने मे विषकन्या होती थी , बीसवीं सदी में लड़कन्याये होने लगी थीं ।
लड़कन्याओ का लन्ड समान्य लड़को के लंड से बड़ा होता है और रानी आजकल की इन लैंडकन्याओ मे से एक थी ।

रानी का लंड भी बिना तनाव के भी 6 इंच का लंबा औऱ काफी मोटा लन्ड था  , लड़कियों वाली चड्डी में उसे काफी भिचा भिचा लगता था जैसे कि किसी ने साँस ही रोक दी हो पर मर्दाना चड्डी में आराम आता था 
हा ये सच बात है कि रानी लैंडकन्या थी पर रानी के दोनों थे , लड़को वाला मूसल और साथ ही साथ लड़कियों वाली ओखली,  पर औऱ ज्यादा  हैरानी की बात ये भी थी कि रानी बाकी ळंडकन्याओ से 2 कदम आगे थी ।

रानी ने कभी अपनी ओखली काम मे ही नही ली थी । उसे सिर्फ अपना मूसल इस्तेमाल करने का मन करता था , पर करे तो किस पे करे , आखिर वो एक लड़की थी और ये बात सब से छुपा के रखना पड़ती थी।

आखिर उसकी नज़र अपने नए किराएदार पर गयी जो कि उम्र में उससे काफी बड़े थे पर नाम पप्पू ही था वो उन्हें पप्पूजी कह के बुलाती थी

दो महीने पहले वो यहा रहने आये और रानी उन्हें देखते ही दिल हार गई 

रानी की नज़र अधिकतर उनकी गाँड़ की तरफ ही लगी रहती और वो अकेले में उनके नाम का सडका मारने लगी । पप्पूजी थोड़े गोल मटोल थे और उनके नितम्ब थोड़े बड़े ही थे । रानी अपने खयालो में उन्हें साडी पहने हुए ही सोचती और सोचती की काश उसकी उनसे शादी हो जाये । वो चाहती थी कि पप्पूजी दुल्हन के लिबास में उनसे सुहागरात मनाये , ये सोच सोच के वो दिन में 1 या 2 बार तो मुठ मार ही लेती ।

ये भी अजीब बात ही थी कि कोई लड़की किसी लड़के के नाम का सडका मारे , चाहती तो रानी उनके नाम की उंगली भी कर सकती थी पर रानी अंदर से बहुत मर्दाना थी और हमेशा अपने मूसल को ही इस्तेमाल करने का सपना देखती थी बस इसीलिए रानी की लड़को से कभी नही पटती थी , क्यों कि जब भी वो किसी लड़के के साथ होती और जब भी बाते आगे बढती , मतलब किस वगैहरा करने के बाद , दोनो ही एक दूसरे के ऊपर आने की कोशिश करते , लड़के कंफ्यूज हो जाते या फिर डर जाते और रानी भी समझ जाती की वो उसे अगर अभी ही उप्पर नही आने दे रहा तो वो आगे चल के अपने मूसल का इस्तेमाल कैसे कर पाएगी , लड़कियों में रानी को कोई इंटरेस्ट नही था , वो तक किसी लड़के को ही अपनी रानी बनाना चाहती थी। 

रानी की खूबसूरती उसकी तरफ लड़के खींच के तो लाती पर उसका आक्रामक व्यवहार देख के लड़के भाग जाते और हरदम रानी को निराशा ही मिलती,  कोई मिला ही नही था जो रानी से दबे , रानी को बाद में अहसास हुआ कि जो लड़के उनकी तरफ पहल करते है वो खुद ही थोड़े दबंग टाइप के होते है तब ही तो पहल करते है और हमेशा ऊपर ही आना चाहेंगे  इसलिए अगर वो लड़का चाहिए जो उसे उपर आने दे तो ओर खुद उसके नीचे आने को तैयार हो तो उसके लिए उसे ऐसे लड़के ढूढ़ने होंगे जो कि शर्मीले स्वभाव को हो और उसके लिए उसे खुद ही पहल करनी होगी ।

और रानी की नज़र पप्पू जी पर पड़ी , वो जितने शर्मीले थे हालांकि वो उम्र में बड़े थे पर रानी ने कोनसा उनका लंड काम में लेना है इसलिए उनके नम्र स्वभाव से रानी को लगा कि उसकी तलाश शायद ख़त्म हो गयी ।

रानी अब चुपके चुपके उनकी जासूसी करने लगी । 
जैसे जैसे उसे पता चलता गया उसे पप्पूजी में ही अपना लाइफ पार्टनर नज़र आने लगा । पप्पूजी भले ही आदमी नज़र आते हो पर उनकी हरकते और स्वभाव बिल्कुल लड़कियों की तरह ही था औऱ तो औऱ जब उसने उन्हें एक दिन नंगा देखा तो उसे पूरा यकीन हो गया कि वो ही उनके लिए परफेक्ट है 

ये एक दोपहर की बात है , रानी के घर पे कोई नही था , रानी चुपके से पप्पूजी के पोर्शन की तरफ गयी तो देखा कि पप्पूजी बाथरूम में नहा रहे थे , रानी ने चिपके से दरवाजे की झिरी में से ताका तो देखती ही राह गयी 

पप्पूजी का शरीर बिल्कुल औरतो की तरह चिकना था , छोटे छोटे बूब्स भी निकल रहे थे औऱ उनका लन्ड इतना छोटा जैसे किसी बच्चे का नुंनु हो । गांड रानी की उम्मीदों से भी ज्यादा बड़ी । औऱ तो औऱ उन्हें लड़कियों की तरह अपनी कांख और झांट के बाल भी निकालने की आदत थी।

रानी ने खुद न कभी झांट के बाल साफ किये न ही अपनी काँख के , रानी के तो मर्दो के समान कड़क मोटे बाल आते थे , उसकी तो टांगो और हाथों पर भी घने काले बा थे ,लेकिन उसने कभी अपनी टांगो और हाथ के बाल साफ नही किये , हाथो और टांगों के बालो के लिए तो स्कूल में कई बार लडकिया उसे चिढ़ाती थी पर उसे कभी कोई असर नही पडा। और पप्पूजी अपने मुलायम भूरे बालो को भी रेजर से साफ कर रहे थे बिल्कुल लड़कियों की तरह। 

अब जब से पप्पूजी के चिकने औरतों टाइप के बदन के उसने दर्शन कर लिए थे तब से उसका बड़ा पप्पू बैठने का नाम ही नही ले रहा था , दिन रात वो ये ही सोचती की कैसे पप्पूजी को पटाया जाए ।
शुरू शुरू में तो उसने वही गलती की जो वो लड़को को रिझाने में करती थी , लिपस्टिक लगाती , लौ कट ब्लाउज पहनके अपने स्तन दिखाती और बात बात पे शर्माती , एक सप्ताह ये करने के बाद उसे अहसास हुआ कि पप्पूजी को इससे कोई असर ही नही पड़ा तो फिर उसे समझ आया कि उसे पप्पूजी के सामने टॉमबॉय बनना होगा ।
रानी ने अब जीन्स और टीशर्ट पहनना शुरू कर दिया , बाल भी पोनीटेल में रखना शुरू किया , अब वो शर्माने के बजाए सीधे पप्पूजी से मिलने उनके कमरे पे चली जाती , कभी कभी उनके पीछे जा के खड़ी हो जाती और पप्पूजी घबरा जाते , ये देख कर रानी को बडॉ मजा आता , पप्पूजी को उसने कई बार अपनी जीन्स के आगे वाले हिस्से को घूरते हुआ पाया , शुरू मे तो रानी को समझ नही आया फिर पता चला कि वो रानी की जींस के आगे का उभार देखते जो कि रानी के मोटे लन्ड की वजह से बन जाता था , वो रानी के बोब्बे भी देखते पर ज्यादा ध्यान रानी की जीन्स पर ही रहता , रानी को अब और भी उत्साह मिला , उसने एक दिन अपनी जीन्स ऊपर करके पैरो में चोट का नाटक किया और पप्पूजी उसकी बालो भारी टांगे ही देखते रह गए , रानी को उस दिन जो पप्पूजी कि आंखों में दिखा उसे देख के वो समझ गयी कि अब वो ज्यादा दिन खुद को रोक नही पाएंगे । 

एक दिन रानी ने मजाक मजाक में पप्पूजी को कह की वो उससे पंजा लड़ाए नही तो ये माने की वो लड़की है ।

पप्पूजी को कोई दिलचस्पी तो नही थी लेकिन उन्होंने सोचा कि खुद की इज़्ज़त बचाने के लिए ये करना पड़ेगा वरना ये लड़की हद से आगे ही  बढती जाएगी और वो उसे ज्यादा विरोध नही कर  पाएँगे। वैसे भी रानी उनके मन को भा रही थी , उसमे वो सब था जिसके पप्पूजी सपने देखा करते थे पर वो डरते थे कि रानी और उनकी उम्र में जो फांसला है उसकी वजह से कही उनकी जग हँसाई न हो जाये और मुहल्ले के लोगो ने जूते मारने शुरू किये तो अनर्थ हो जाएगा ।


पप्पूजी औऱ रानी ने पंजा लड़ाया औऱ पप्पूजी बार बार हारते चले गए , असल मे वो रानी की बाल भारी कलाईयां ही देखते रह गए , जबकि सच मे पप्पूजी ही स्ट्रांग थे पर उनकी चिकनी कलाईयां और रानी कि बाल भारी कलाईयां एकदम अलग रही थी , रानी को उनकी कलाईयो में चूड़ी नज़र आने लगी । उसने उन्हें हराने के बाद कहा कि अब उन्हें चूड़ियां पहनी चाहिए , पप्पूजी शर्म से पानी पानी हो गए पर अंदर ही अंदर उनका नुंनी पूरी तरह तन गयी थी , रानी का भी लन्ड इस नोकझोक में एकदम मस्ती में आ गया था और जीन्स में टेन्ट बन गया , रानी उन्हें अभी अपना टेन्ट दिखा के डराना नही चाहती थी इसलिए उसने बहाने से पप्पूजी को रसोई में पानी लाने भेजा और फटाफट अपना लन्ड एडजस्ट करके छुपाया । पप्पूजी भी अपनी नुंनी छिपाना चाहते थे इसलिए फौरन रसोई में भागे पर सच तो ये था कि उनका नुंनु खड़ा होने के बावजूद पेंट के बाहर नज़र नही आ रहा था । 

वो पानी लेके वापिस आये तो रानी अपनी मूछों पर आए पसीने को पोछ रही थी । उसने पप्पूजी से पूछा कि उसका पसीना दिख रहा है क्या कही और वरना घर वाले पूछेंगे कहा मेहनत करके आयी है ?
पप्पूजी ने रानी का चेहरा गौर से देखा , उसके पूरे चेहरे पे हल्के हल्के बालो की खेती थी और उसकी छोटी छोटी मूछे एकदम काले कड़क बालो की थी , पप्पूजी का नुंनु फिर से तन गया । 

       
उस दिन गो रानी अपने घर चली गयी पर आग दोनो तरफ बराबर लग गयी थी । दोनो एक दूसरे के सपने देखते ।

इधर पप्पूजी रानी के मूँछो औऱ जीन्स के आगे के फूले हुए हिस्से को सोच सोच के अपनी नुंनी हिलाते उधर रानी पप्पूजी की मोटी गांड को सोच सोच के मुठ मारती , फर्क सिर्फ इतना ही था कि पप्पूजी का पप्पू 4 इंच का ही होता था , रानी का लन्ड 8 इंच का होता था , पप्पूजी 4-5 बूंदे छोड़ते , रानी एक चम्मचा भर के निकालती।
पप्पूजी रानी के नीचे दबे होने की कल्पना करते , रानी पप्पूजी को नीचे दबा के चोदने के सपने देख थी, 

रानी पप्पूजी के छोटे छोटे स्तन मसल कर बड़े करने का सोचती और पप्पूजी रानी की मूछे चाट चाट के गीला करने की।

एक दिन रानी ने पप्पूजी को प्रोपोज़ कर ही दिया।

पप्पूजी बोले 

" तुम मेरे से बहुत छोटी हो "

तो क्या हुआ , मैं आपको पसंद करती हूं। 

तुम पागल हो, तुम सिर्फ उन्नीस साल की हो और मैं 34 साल का , मुझे नहीं लगता कि मैं तुम्हें संतुष्ट कर पाऊंगा।

आपको मुझे संतुष्ट करने की जरूरत ही नही है , मैं खुद ही संतुष्ट हो जाउंगी बस आप मैं जैसा कहु वैसे करते जाना 

क्या करना होगा मुझे ?

आपको लड़की बनना होगा मेरे लिए ।

तुम्हे लड़की ही चाहिए तो कोई लड़की पसंद करो न मुझे क्यों लड़की बनाना चाहती हो ?

नही मुझे लड़किया नही पसंद मुझे आप ही हो पसंद हो औऱ आप अन्दर से लड़की ही तो हो ।

अरे पर बाहर से तो मैं लड़का ही हु ना ?

मैं आपको पसंद हु की नही 

हा, हो बहुत हो 

क्यों हु 

क्योंकि तुम बहुत सुंदर ही 

सच सच बोलो , झूट मत बोलो 

नही तुम सुंदर हो , इसलिए पसंद हो , और क्या 

अच्छा उस दिन आपने नही कहा था कि मैं लडको जैसी हु

हा,  हो थोड़ी बहुत लड़को जैसी तो 

थोड़ी बहुत या बहुत ज्यादा ?

अच्छा बाबा हो तुम लड़को जैसी 

कैसे 

तुम्हारे मूछे आती है लड़को जैसी 

और 

और हाथ पैरो पे भी लड़को जैसे बाल है 

और 

" और तुम एकदम दबंग हो , मर्दाना , लड़को जैसी " पप्पू जी आगे बोले ।

" और ? " रानी ने पूछा ।

" और तुम लंबी भी हो " पप्पूजी शरमाते हुए बोले।

"और आपको पंजा लड़ने मे भी हरा दिया था आपने मेरी बगल के बाल देख के कहा था कि तुम्हारे तो मेरे से भी ज्यादा बाल है ।" रानी ने आगे बढ़ते हुए बोला।

" नहीं वो में हारा नहीं था , मेरा ध्यान कही और चला गया था परइन सब बातों से क्या मतलब है ? " पप्पूजी ने पूछा 

"यही मतलब है कि मैं आपके सामने लड़का हु और आप लड़की , अब आप को लड़की बनना पड़ेगा " रानी ने आवाज को कड़क करके बोला जैसे की फैसला सुना के गई हो । पप्पूजी बहुत असमंजस में पड़ गए।

अगला भाग ।

आखिर रानी पप्पूजी पीछे हाथ धो के पड़ गयी । 

पप्पूजी वैसे तो मन ही मन खुश हो रहे थे पर उन्हें डर भी लग रहा था , वो रानी से आगे पूछते है 

लड़की बनाके क्या करोगी ?

वोही जो लड़का लड़की करते है , चोदूगी आप को और क्या करूँगी । 
यार तुम कैसे बाते करती हो , इतनी खुल के , मुझे तो शर्म आ रही है " पप्पूजी ने चेहरा घूम लिया औऱ फिर पूछा 
" तुम चोदोगी ? कैसे ? "

" पहले आप लड़की तो बनो फिर बताउंगी " रानी ने कहा ।

"कही तुम्हारे लंड तो नही है ? "

"और हुआ तो " रानी ने अपनी जीन्स को आगे से सहलाते हुए बोला!


" नही नही तुम मजाक कर रही ही " पर उनकी आंखें रानी की ड्रेस के अगले भाग पर ही गाड़ी हुई थी जो कि काफी फूला हुआ लग रहा था।

 मन ही मन खुशी भी हो रही थी की वो उभार जिसे देख के वो कल्पना में लंड लाते थे कही हकीकत में बदल गया तो !

पप्पूजी के विचारो की श्रखला थोड़े हुए रानी ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा " मैन देखा है आपकी वैसी वाली फिल्में , आपको लड़की के लंड वाली पिक्चरें पसंद आती है ना , मुझे सब पता है '

" तुमने ये सब कहा देख लिया , प्लीज किसी को बताना मत " पप्पूजी ने शर्माते हुए कहा।

"क्यों , इसमे क्या प्रॉब्लम है , मुझे भी पसंद है ऐसी मूवीज"
कोनसी ?

 " वोही जिसमे लड़की लंड लगा के लड़के को चौदती है "

"तो तुम्हे मुझे लंड लगा के चोदना है ?" 

अभी मैं कुछ नही बोलूंगी , आप पहले हा कहो तब।

पर इसमें तुम्हे कैसे मजा आएगा ?

मुझे पता है मुझे कैसे मजा आता है आप इसकी चिंता मत करो 

अरे यार पर मैन सिर्फ पिक्चर्स देखी है कभी चुदा नही हु 

ये तो अच्छी बात है ना मैं आपकी कुंवारी गांड की सील तोडूंगी।

तो किसी लड़की की तोड़ो ना , मेरी क्यों 

मैन बताया ना मैं लेस्बियन नही हु और मुझे आप ही पसंद हो , मैं आप से ही शादी करूँगी , हुम् दोनी मिया बीवी की तरह रहेंगे सिर्फ बैडरूम में आप बीवी और मैं मर्द बनूगी "

" तुम् तो लड़की होना , तुम क्यों नही बीवी बनती ? "

" हा हा हा , और आप को क्या लगता है कि आप पति बन पाओगे मेरे ?  लगता है आप को ऐसे समझ नही आएगा , रुको मैं जरा गेट बंद कर के आती हु " इतना बोल के रानी गेट बन कर के आती है  पप्पूजी के सामने आके खड़ी हो के अपनी ड्रेस उतरनी शुरू करती है 

" अरे बाप रे ये क्या कर रही हो ? कोई आ जायेगा " पप्पूजी ने घबरा के विनती की

कोई नही आएगा , लड़कियों की तरह घबराते हो औऱ आप को मर्द बनने का शौक है " इतना कहते कहते रानी अपनी ड्रेस खोल के खड़ी हो गयी 

" खोलू चड्डी ? घबराना मत "

रानी का लन्ड इन सब बातों में वैसे ही खड़ा होने लग गया था , उसने एक झटके में अपनी मर्दाना चड्डी उतार दी , चड्डी वैसे पप्पूजी की ही चुराई हुई थी ।


" अरे बाप रे इतना मोटा और बड़ा , नही नही ये तो बहुत ही बड़ा है ।

अरे आप भी ना , कहा का बड़ा है , आपको तो इसे प्यार से चूमना चाहिए , आप को तो फक्र होना चाहिए , देखीये कैसे प्यार भरी उम्मीदों से देख रहा है आपको ।

कितना बड़ा है ये , कभी नापा है ?

आप भी ना , कैसी बाते करते है , बिल्कुल बेशर्मो की तरह , वैसे ये 10" का है , मोटाई मैंने नही नापी कभी , कैसे नापते है मुझे नही पता।

रानी का लंड कम से कम 6 इंच मोटा और जैसा कि उसने बताया 10 इंच लम्बा था , और रॉकेट की तरह बिल्कुल सीधा तना हुआ था , उसकी गोटिया भी काफी बड़ी बड़ी लग रही थी मगर झांटे साफ़ थी , टट्टो पर भी बाल नहीं थे , दिखने में तो उसका लंड बड़ा ही खूबसूरत लग रहा था लेकिन उसके लाल लाल सुपाडे को देख के पप्पूजी की गांड फट रही थी , इतना मोटा सुपाड़ा मेरी गांड के छोटे से छेद में कैसे घुसेगा यही सोच रहे थे और रानी के लन्ड का तनाव देख के लग रहा था कि आज ये कही न कही घुस के ही मानेगा ।

कहा हुआ जी ? क्या सोच रहे हो ? मैं शुरू करू ? या आप ही शुरू करोगे ?

"आपको मेरा लन्ड देख के खुशी नही हुई क्या ? " उसने उदास से चेहरा बनाते हुए पूछा ।

" नही नही ऐसी बात नही है , ये तो बहुत खूबसूरत है पर बहुत ही बड़ा भी है "

रानी को लगा कि अब उसे मामला अपने हाथ मे पूरी तरह से ही लेना पड़ेगा । उसने पप्पूजी को कड़क आवाज में नंगा होने को बोला ।

पप्पूजी एकदम सीधे खड़े खड़े रानी का लंड ही निहार रहे थे कि रानी फिर गुर्राई " खोलते हो कि मैं कपड़े फाडू ?"

पप्पूजी ने अपनी पेंट उतारी फिर धीरे धीरे चड्डी भी उतारी।

आप घबराए हुए क्यों हो , मैं जबरदस्ती नही करुगी।

"नही मैं नही घबरा रहा " पप्पूजी ने अपनी घबराहट छुपाते हुए बोला ।

फिर आप का लन्ड क्यों नही खड़ा हुआ ?

है ना , मेरा भी लन्ड खड़ा है , तुम्हे देख के 

"इतना छोटा ! " उसने आश्चर्यचकित होते हुए पूछा 

अब तो पप्पूजी शर्म के मारे पानी पानी होने लगे ।

"कितना बड़ा है वैसे आपका , आपने भी तो नापा होगा कभी ",

ये चा... चार इंच का है 

औऱ खड़ा होता है तो ? 

"ये खड़ा ही है तो है" पप्पूजी ने थोड़ा रोष से बोला।

हाय सच मे , ये कितना क्यूट से दिख रहा है " इतना कह के वो पप्पूजी के पास आई और अपने लन्ड का सुपाड़ा उनके लन्ड के सुपाडे से मिलआने लगी , दोनो लन्डो के आकार में बहुत बड़ा फर्क नज़र आ रहा था , जैसे कि 24 साल के मर्द के साथ 14 साल का बच्चा खड़ा हो ।

रानी को शरारत सूझी , उसने पप्पूजी के लन्ड पे अपने लन्ड से हथोड़े मारने लगी जैसे कि बच्चे आपस मे खेल रहे हो फिर अपने लन्ड को पुचकारते हुए बोली " बेटा छोटी बहन को हाई बोलो" 

पप्पूजी ने कहा " ये क्या कर रही हो " मेरे दर्द होता है " 

"Oh I am sorry sorry " कहते हुए वो थोड़ा दूर हो गयी पर अभी भी उनके लन्ड को ही घूर रही थी फिर बोली 
"ये सच में ही इतना छोटा सा है या आज डर गया है ? मैन सोच था कभी चोदूगी कभी चुदूँगी , ज्यादातर तो चोदुगी पर कभी कभी चुदने का भी मजा ले सकती हूं पर इससे तो मेरा कुछ नही होगा , मुबारक हो आप फुल टाइम लड़की ही बन के रहोगे बिस्तर पे " रानी ने अपने मूसल जैसे लन्ड को मुठियाते हुए कहा।

आओ इधर आओ , गोदी आ जाओ मेरी मेरा मन कर रहा है अब 

" नही नही , मैं नही आऊंगा , बहुत बड़ा है तुम्हारा "

आप आते हो मेरे पास की मैं आउ आपके पास , अच्छा बाबा आज पहली बार है ना  , नो घुसम घुसाई , ऐसे ही प्यार करते है एक दूसरे को , आओ ना , देखो कितनी बड़ी हो गयी है मेरी मूछे , इनको नही चाटोगे ? 
पप्पूजी हिल भी नही रहै थे ।

शेष आगे .....

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