Monday 14 December 2020

धोबन आंटी पार्ट 5

सारा और मैंने उसके पीहर से विदाई ली और मेरे घर आ गए , सारा ने बड़ी सुंदर साड़ी पहन रखी थी और घर पे सभी ने हमारा फिर से स्वागत किया । लोग तो ये भी बोल रहे थे कि " हूर के साथ बंदर " । अब ये तो मै ही जानता था कि ये हूर रात को बेडरूम मै कितनी ख़तरनाक जो जाती है ! 

हमने हनीमून के लिए कश्मीर जाने का सोचा । सारा को बर्फ देखने का शौक था और कश्मीर अभी काफी सस्ता भी पड़ रहा था ।

सारा ने अपने साथ हमारे पालतू कुत्ते टॉमी को भी ले लिया , वो बोली कि इसे कुत्ते बहुत पसंद है , मै बहुत आश्चर्य में पड़ गया पर वो जिद पकड़ के बैठ गई तो मैंने कहा ठीक है पर टॉमी कहीं हमे परेशान ना करे तो उसने कहा वो संभाल लेगी। 

टॉमी एक पोमेरियन ब्रीड का छोटा कुत्ता था जो अभी सिर्फ दो साल का था और उसने अभी तक किसी कुत्तियां को नहीं देखा था । हम जैसे ही कश्मीर मै अपने होटल पहुंचे , मै चेक इन काउंटर पे ही कुछ देर रुक गया , और सारा ने कहा कि उसे वॉशरूम जाना है सो वो तुरंत रूम मै चली गई , थोड़ी देर में मै जब रूम पे पहुंचा तो रूम खुला हुआ ही था और अंदर से टॉमी के पिपेयाने की आवाजे आ रही थी , मैंने रूम का दरवाजा लगाया और बेड की तरफ देखा तो मै दंग रह गया।

मैंने देखा सारा टॉमी को गोद में बिठा के उसे चोद रही थी और वो अपनी गर्दन दर्द के मारे इधर उधर हिला रहा था , मै सारा का ये रूप देख कर देखता ही रह गया , उसका मर्दनापन इतना जोर मारेगा की वो हमारे पालतू कुत्ते को भी नहीं छोड़ेगी ये मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था " ये क्या कर रही हो , मर जाएगा वो " मैंने उसे समझाते हुए कहा । 

" I am sorry , मुझसे रहा ही नहीं जा रहा था और ये अपनी गांड़ लेके मेरे सामने मटक रहा था, मै वॉशरूम से बाहर निकली तो मेरा लन्ड खुला हुए ही था , ये मेरे पास आया और इसे चाटने लग गया , मैंने सोचा इस भी प्यार कि जरूरत है तो इसे भी चोद के देखा जाए , वैसे भी अब ये हमे ज्यादा परेशान नहीं करेगा, बहुत चुद गया ये अब मेरे से " सारा ने कुत्ते को चोदना छोड़ कर बोला ।

" अरे तो मै कहा भागा जा रहा था, कुत्ते को चोद दिया , मुझे बोल देती ?'

" अरे आप ज्यादा सरप्राइज़ ना हों, मै इससे पहले भी कई कुत्तों और बकरो को चोद चुकी हू , किसी लड़के के साथ सेक्स नहीं कर सकती थी ना , आप तो समझो मेरी कंडीशन को " उसने बड़ा मासूम सा फेस बनाते हुए बोला ।

" अच्छा अच्छा इतना इमोशनल अत्याचार ना करो , एक बात कहूं , जब से मुझे पता चला है कि तुम वीर्य भी निकालती हो , मेरे अंदर बड़ी अजीब सी फीलिंग्स आ गई है , अब मै तुम्हारा वीर्य किसी के साथ भी नहीं बांट सकता " मैंने पनियाते हुए बोला ।

" अच्छा , तुम्हे नहीं पता था कि मै मर्दों को तरह वीर्य भी निकालती हू ? तुम्हारे से ज्यादा बड़ा और मोटा लन्ड क्या दिखाने के लिए ले के पैदा हुई हूं क्या " सारा ने टॉमी की गांड़ से लन्ड निकाल के उसे एक तरफ चलता किया उसकी साड़ी उसके लन्ड के ऊपर आ गई फिर से और फिर वो साड़ी के ऊपर से ही लन्ड को सहलाते हुए मेरी तरफ बढ़ने लगी " और ये अजीब सी फीलिंग की क्या बात कर रहे थे ? " सारा थोड़ा मुस्कुराते हुए बोलीं , लंड मसलना उसने जारी रखा और मेरे मुंह के करीब अपना मुंह ले आई । 

" तुम्हे देख के अब पत्नी वाली नहीं , बल्कि पति वाली फीलिंग आती है !" मैंने शरमाते हुए कहा 

" पति वाली मतलब ? , तुम तो हो ही मेरे पति , इसमें अजीब सी फीलिंग की क्या बात है ? " 

" नहीं मै पति नहीं , तुम पति और मै पत्नी " इतना बोल के मैंने शरमा के नज़रे झुका ली ।

" सच मे ? , मुझे कोई दिक्कत नहीं है , वैसे भी अम्मी के साथ तुम्हारी चुदाई देख के मुझे भी तुम्हारा पति ही बनने की इच्छा हो गई है , पर मै दाढ़ी मूछ नहीं उगाऊंगी , जितनी मूछें है उनसे ही काम चलाना होगा " सारा ने अपनी हल्की हल्की औरतों वाली मूछों को ताव देते हुए बोला।

" नहीं मै भी नहीं चाहता की तुम जब मेरे साथ बाहर निकलो तो तुम्हे सब अजीब सी निगाहों से देखे , वैसे भी तुम इतनी सुन्दर हो , जैसी हो अच्छी हो ,हम रात को सेक्स के वक्त नकली दाढ़ी मूछें यूज करेंगे " मैंने शरमाते हुए बोला 

" नकली दाढ़ी मूछ , मुझे तो लगा तुम्हे शरीर के असली बाल पसंद है "

" बाल तो तुम्हारे भी बहुत है शरीर पे , मेरे से ज्यादा तो है ही , तुम्हारी बगले और टांगे तो मस्त बालदार है , पर नकली दाढ़ी मूछों का एक फायदा है , मै कभी तुम्हे सरदार जी बना सकता हूं , कभी अरब का शेख , कभी सिर्फ मूछों वाला , कभी मौलवी जी के तरह सिर्फ दाढ़ी वाली बन सकती हो , मुझे तो बड़ा मजा आएगा तुम्हारे सुंदर चेहरे पर नई नई स्टाइल की दाढ़ी मूछ लगा के चुदने में " मै अब थोड़ा बोल्ड फील करता हुए अपनी पैंट उतार के उसकी साड़ी में ढके लन्ड पर अपनी गांड़ सहलाने लगा ।

सारा को मेरा आइडिया पसंद आया और उसकी साड़ी में से लंड उछल उछल के बाहर आने को बेताब होने लगा , उसने मुझे गोद मै उठा लिया जैसे नई नवेली दुल्हन को उठाते है , मै हैरान हो के उसकी तरफ देखने लगा तो वो बोली " मुझे पता था कि मै तुमसे ज्यादा ताकतवर हूं , पर मैंने सोचा बताऊंगी ती पता नहीं कैसे रिएक्ट करोगे , सो कभी बोल नहीं , पर आज जबकि तुम मेरी बीवी बनने को तैयार हो गए हो तो मैंने सोचा अपनी मर्दानगी के साथ साथ थोड़ी ताक़त भी दिखा ही दू , हा हा हा " इतना कह के वो हंसने लगी और मुझे बिस्तर पे लेजा के बड़े प्यार से लिटा दिया , मैंने सारा के बाजू पकड़ के दबाए और सही मै वो बड़े कड़क लग रहे थे ।

" आज तो मेरा चूसोगे ना ? " सारा ने बड़े प्यार से पूछा और अपनी साड़ी खोलने लगी ।

उसने धीरे से अपना पेटीकोट निकाल और उसका लंबा सा लन्ड तनतनाता हुए बाहर आया और एकदम सीधा खड़ा हो गया , मै पलंग से उठ के उसके पैरो के पास जमीन पे घुटनों के बल बैठते हुए उसके लन्ड के लाल सुपाड़े को देखने लगा 

" अब क्या घूरते ही रहोगे या मुंह मै भी लोगे " उसने बेताब होते हुए बोला ।

"बहुत मोटा और खूबसूरत है तुम्हारा लन्ड और स्पेशली तुम्हारे लन्ड का सुपाड़ा " 

" कितनी बार गांड़ मै लेके चुद चुके हो , और आज जाके लन्ड को देखा है , अब मुंह में भी ले लो मेरी जान"

" नहीं इसे तो तुमने अभी टॉमी की गांड़ मे डाला था , मैं नहीं लूंगा मुंह मै "

" अरे टॉमी को चोदने से पहले मैंने कंडोम लगाया था इसपे , वो भी दो दो , देखो डस्टबिन में "

" तुम कंडोम भी इस्तेमाल करती हो ? , कहा से लाती है ? " 

" दुकान से , और कहा से लाऊंगी , और आस पास की दुकान वाले तो मुझे पहचानते भी है , अब तो सिर्फ जाके खड़ी होती हूं , वो लोग चुपचाप पैक करके दे देते है " उसने मुस्कुराते हुए कहा।

" वो लोग कैसे पहचानने लग गए ? अच्छा तुम इकलौती लड़की होगी जो कंडोम खरीदती होगी " मैंने कहा 

" नहीं बाबा , आजकल लड़कियां भी सनेटरी पैड से ज्यादा कंडोम खरीदती है , तुम्हे क्या पता , वो तो मै ही ही जो सबसे बड़ी साइज का कंडोम मांगती हूं , मैग्नम लार्ज , शुरू मै तो आसपास मिलता ही नहीं था , अब वो लोग रखते है मेरे लिए , उन्हे लगता है मेरे बॉयफ्रेंड का लंड बहुत बड़ा है " वो इतना कह के लन्ड को हिला हिला के मुझे दिखने लगी।

" जबकि लन्ड तो तुम्हारे ही है " मैंने भी अपनी नुनी हिलाके उसे दिखाया , वो और जोर से हंसने लगी !"

" वैसे एक बात मेरे समझ में नहीं आयी , तुम्हे कंडोम की जरूरत क्यों पड़ने लगी , और वो भी कुत्ते और बकरी को चोदने के लिए ? "

अरे पहली बात बकरी नहीं बकरे , मै लड़कियों को नहीं चोदती , सिर्फ यास्मीन चोदती है , मै सिर्फ मेल species को चोदती हूं , और रही बात कंडोम उसे करने की तो एक बार अम्मी ने हम दोनों बहनों को चचा के घर उनकी बकरियां चोदते हुए पकड़ लिया था , हमने भी कहा " और किसे चोदे , लौंडे या लौंडिया को चोदेंगे तो हमारी पोल नहीं खुल जाएगी और बिना चोदे कब तक हाथ से काम चलाएंगे ? " फिर अम्मी ने कहा ठीक है पर कंडोम उसे करना पड़ेगा आगे से , बस तभी से , यास्मीन ज्यादा यूज करती है वैसे , उसको लड़कियां चोदनी होती है ना , वो लड़का बनके जाती है और लड़कियां चोद आती है रंडीखाने मे। "

"और तुम ? , तुम्हारा मन नहीं करता लड़कियां चोदने का ? " 

" नहीं बाबा मै तो बचपन से ही तुम पर नज़रे लगाए बैठी थी और देखो मेरी अम्मी की मूछें काम कर गई , तुम अम्मी पे मर मिटे और मुझे मिल गए , अब तो तुम पूरी तरह लड़की भी बनने को तैयार हो गए , अब मुझे किसी और कि क्या जरूरत है " सारा ने मुस्कुराते हुए बोला ।

" अरे मै कब तैयार हुआ लड़की बनने को ? मैंने कहा पत्नी बन जाऊंगा क्युकी तुम्हारा लन्ड जो इतना मोटा और बड़ा है मुझसे ! " 

" और वीर्य भी निकलता है , मेरे बच्चो की अम्मी बनना पड़ेगा तुम्हे ही , अच्छा अब ये सब छोड़ो और लंड चूसो " 

तुम सिगरेट भी पीती हो क्या ? "

" क्यों पूछा अभी ? 

मुझे स्मेल आ रही है 

" घर पे हुक्का पीती थी अम्मी का , हुक्का नहीं मिलता तब ही सिगरेट पी लेती है कभी कभी , तुम्हे बुरा लगता है क्या ? "

" नहीं , मुझे तो बहुत अच्छा लगता है जब लड़कियां सिगरेट पी के नाक से धुआं निकालती है , मुझे ऐसी लड़कियां बहुत मर्दानी लगती है , " 

" और क्या अच्छा लगता है तुम्हे ?" सारा ने लन्ड मसलना जारी रखते हुए पूछा ।

" चुदना !" 

" और मुझे चोदना , चलो पहले इस चूसो आज ,नहीं तो कोई चुदाई नहीं !" 

मैंने आखिर सारा का लन्ड अपने हाथ में पकड़ा तो इतना गरम था जैसे कि चूल्हे से लकड़ी उठा ली हो , फिर मुंह में उसका सुपाड़ा घुसाया तो उसके मुंह से सिसकारी निकल गई " हाय दय्या , मै तो मर गई " बोली , मै धीरे धीरे उसका लन्ड मुंह में घुसाने लगा और आधा लन्ड मुंह में ले गया , इससे ज्यादा नहीं जा रहा था , सारा ने दोनो हाथो से मेरा सिर पकड़ लिया और खुद ही अपने नितम्ब हिला हिला के मेरे मुंह का चोदन शुरू कर दिया। मै अब अपने आप से हिलना बन्द कर दिए और सारा ही सारा काम करने लग गई । थोड़ी देर में वो लंड को मेरे मुंह में और घुसाने लग गई तो मैंने उसके नितम्बों को पकड़ के उससे दूर हटने की कोशिश की पर उसकी पकड़ बहुत मजबूत हो गई थी और मुझे समझ आने लगा कि वो सच मे मुझ से ज्यादा ताकतवर है , हमारी इसी जद्दोजहद में उसके मेरे मुंह में अपना वीर्य छोड़ दिया । एक दो तीन चार ... पूरे 5 बार तक उसने पिचकारी छोड़ी मेरे मुंह में , मेरा पूरा मुंह भर गया ।

मैंने उसका वीर्य निगलते हुए बोल " हाय राम कितना माल निकालती हो , कम से कम 1 कप भर के गाढ़ा वीर्य निकला है तुम्हारा , इतना तो मै 10 बार मै भी नहीं निकाल पाता"

 धीरे धीरे उसकी लन्ड सिकुड़ने लगा तो मै उसके बालो से भरे टट्टे सहलाने लगा तो वो बोली " टट्टे चूसो मेरे मुंह में ले के "

उसके टट्टे भी नींबू की साइज के थे जबकि मेरे अंगूर जितने ही " मैंने उसका एक टट्टा मुंह में लिया और लॉलीपॉप की तरह मुंह में भर लिया उसके कड़क बालो की वजह से वो ठीक से मुंह में आ भी नहीं रहा था पर मै लगा रह । अब समझ आया कि जब वो अम्मी के घर जब मुझे कुत्तियां बना के चोद रही थी तो मेरे ट्टटो मे ये ही भारी टट्टे पीछे आ आ के वार कर रहे थे और मै बहुत जल्दी झड़ गया था ।



Monday 7 December 2020

धोबन आंटी पार्ट 4 - आंटी और बेटी एक साथ

 पार्ट 4

मेरी हालत देख के सारा की हंसी छूट गई , बोली " I am sorry ji " ।

मैंने कहा " हंसो मत , इज्जत बचानी है , और मेरी इज्जत तुम्हारी भी इज्जत है अब "

" हा वो तो है , बचानी तो है , पर तुम्हारी गांड़ इतनी सेक्सी है कि मै क्या करती ? और ऊपर से मेरी जवानी भी फुट रही थी , I am sorry बोला ना मेरी जान , अब सुनो , थोड़ा सरसो का तेल डाल लो , कुछ आराम मिलेगा और , बाहर जाके बोलना , बहुत थक गया हूं , और ज्यादा चलना फिरना मत ,मै कुछ और भी सोचती हू तब तक , थोड़ा बहुत मै भी लंगड़ा के चलती हूं , लोग समझ जाएंगे कि दुल्हन की भी तगड़ी चुदाई हुई है " 

" हा तेल लगा लू , ताकि तुम्हे और आसानी हो जाए मेरी गान्ड मे लौड़ा घुसेड़ ने में , मै सब समझ गया हूं मेरी लंड़धारी बीवी " मै इतना कह के मुस्कुराने लगा तो वो साड़ी के ऊपर से ही लौड़ा सहलाने लगी ।

" आइडिया तो आप का अच्छा है पर मै ऐसा कुछ नहीं करने वाली , आप हनीमून की तैयारी करो बस , अब जो होगा वही होगा "

" तुम तो मुझे डरा रही है यार " 

" अरे अब दो बार ले लिया है , अब किस बात का डर ? और सुनो अम्मी के भी ' आनी - जानी ' करनी है एक बार " 

" हाय , आंटी के , औटी को बोलो अपनी मूछें  डाई करले "  मै अपनी गांड़ के छेद को सहलाते हुए उसे चिढाने के मूड पे बोला।

" तुम्हे शर्म नहीं आती , मेरे होते हुए किसी पराई औरत के बारे में सोचते हुए , और वैसे भी अब आप उनको अम्मी ही बोला करो , सास है अब वो आपकी आंटी नहीं " 

" अच्छा ठीक है अम्मी बोलूंगा पर एक बात बोलो , तुम्हे जलन हो रही है ना ? "

" बस अब और मत छेड़ो वरना यही पटक के फिर से चोद दूंगी , और वो भी बिना तेल के " उसने झूठा गुस्सा दिखाते हुए बोला " और मूछें तो मेरी आ ही जाएगी बस फिर किस बात कि कमी है मुझमें भी " वो थोड़ी उदास भी हो गई ।

" अरे , I am sorry, तुम बीवी हो मेरी , अम्मी मर्द , वादा करता हूं कि ना तुम्हारे अलावा कोई औरत आएगी मेरी जिंदगी में , ना अम्मी के सिवा कोई मर्द" 

इतना सुन के वो खुश हो गई फिर भी झूठे गुस्से में बोली " हाय अल्लाह शर्म नहीं आती तुम्हे मेरी अम्मी को मर्द बोलते हुए और अपनी बीवी को औरत मानते हो तो फिर चोद के दिखाओ उसे कभी ? " 

" चोदूंगा मेरी जान , चोदूंगा , एक बार बस लन्ड बिना गांड़ मै लौड़ा डाले खड़ा हो जाए " इतना कह के मै हंस पड़ा और वो भी मेरे साथ हंस पड़ी 

" सुनो मुझे आपसे कोई शिकायत नहीं है , वैसे भी मुझे अपने लन्ड का इस्तेमाल करने में ही ज्यादा मजा आता है , वो तो मै यू ही छेड रही थी आपको , चलो अब जल्दी तैयार हो जाओ , बाहर निकल के बाकी रस्मे भी करनी है ।

अरे कोन से कपड़े पहनू ? और ये मेरी गान्ड आज मुझे ज्यादा मोटी क्यों लग रही है , ये देखो कितना चोदा है तुमने रात को , गांड़ भर गई मेरी !"

" हा हा हा , तुम्हारी गांड़ शुरू से ही लड़कियों टाईप मोटी थी , मुझे दोष मत दो , एक काम करो मेरी कोई पेंटी पहनलो, टाइट रहेगी तो थोड़ी गांड़ भी टाइट हो जाएगी ! " 

"और तुम ? तुम क्या करोगी अगर तुम्हारा लन्ड तन गया तो साड़ी मे मेरी गांड़ देख के ?"

" आप उसकी चिंता ना करो , मै हमेशा मर्दों वाली चड्डी ही पहनती हूं , उसी मे जगह होती है जहा मेरे टट्टे और लौड़ा सांस ले सके पर चड्डी के ऊपर कमर पे मैंने एक नाड़ा बांधा हुआ होता है , जैसे ही लन्ड खड़ा होने वाला कोई सीन होता है मै लंड नाड़े मै घुसा लेती हूं , फिर वो कितना भी क्यों ना तने और बढ़े, पेट से ही चिपका रहता है , मेरी नाभि को भी पार चला जाता है पर कोई टेंशन नहीं , लोग थोड़ा मोटा पेट समझ के ध्यान नहीं देते, अच्छा अब ये सब छोड़ो , चलो अब जल्दी करो , लोग क्या सोचेंगे की सुबह सुबह फिर शुरू हो गए ।" 

हम लोगो ने अपने अपने कपड़े पहने और बाहर आए , वो सच मे दुल्हन के लिबास में बड़ी सुंदर दिख रही थी , बिल्कुल 38 24 40 का फिगर और कातिल नयन- नक्श, कोन सोच सकता है कि इसके एक फुट भर का लंड भी है जो कि मोहल्ले क्या , मेरे ख्याल से पूरे शहर में किसी आदमी के भी ना हो सिवाए उसकी अम्मी के ।

हमने दिन भर की रस्मे पूरी की और शाम को मुझे आंटी के मतलब अब मेरी सास के घर ले जाना था , किसी तरह से उसने बहाना करके रात को वहीं रुकने का प्लान बना लिया , आखिर उसे अपनी मां का कर्जा को उतारना था मुझ से शादी करवाने का ।

मेरी सासू मुझे देखते ही खुश हो गई , उनके भी घर पे कुछ मेहमान आए थे , कुछ रस्मे वह हुई और मैंने यास्मीन को भी देखा , कपड़े उसने मर्दों वाले ही पहन रखे थे पर ब्यूटी पार्लर जाके आयी लग रही थी या चेहरे पे शेविंग की थी , एक दम चिकनी लग रही थी , सिर्फ मै ही जानता था कि उसकी जींस के अंदर लौड़ा छुपा हुआ था , वो भी खुश ही नजर आ रही थी , मैंने सोचा था छोटी बहन की शादी पहले होने पे दुखी होगी । मुझे से काफी हंसी मजाक कर रही थी क्युकी सिर्फ वही जानती थी कि हमारी सुहागरात में मेरी बीवी भी बॉलिंग कर सकती है , उसे मेरे लन्ड का साइज पता नहीं था ना सो वो कन्फर्म करना चाह रही थी कि किसने किसको चोदा। 

" बोलो ना गुड्डू ? तुमने चोदा सारा को या सारा ने चोदा तुमको ? वो बिल्कुल सीरियस होके मुझे पूछने लगी , मै कुछ बोलता उससे पहले ही सारा वह आ गई , उसने सब सुन लिया था बोली " बहुत चुदाई हुई मेरी , तुझे भी चुदना हो तो बोल ? थोड़ा तुनक के उसने बोला 

" पर तेरे भी तो लौड़ा है , तुझे मौका नहीं दिया जीजाजी ने " 

अरे मेरा लौड़ा खड़ा होता और ये मेरी चूत में लंड डाल देते , बिचारा मेरा लन्ड फिर बैठ जाता , फिर इनकी धुआधार चुदाई से खड़ा होता और झड़ जाता , कितना बुरी तरह चोदते हो आप , आपकी बीवी हूं अब कहीं भागने वाली नहीं हूं " सारा ने मुस्कुराते हुए बोला ।

" कितना बड़ा है आप का जीजाई ? सारा से भी बड़ा ?"

" हा बाबा , मेरा ही बड़ा है पर इनका बहुत दमदार है , 5 बार चोदा इन्होंने और सुबह भी नहीं छोड़ा , अब खुश ?" इतना कह के सारा मुझे खीच के ले गई ।

मैंने पूछा तुमने झूट क्यों बोला तो बोली " अब हमारी एक ही इज्जत है , दूसरी बात मै उसको जानती हूं , उसको सच्चाई बता देती तो शायद वो भी आपके पीछे पड़ जाती और अब मै सिर्फ अम्मी के सिवा आपको किसी से बांट नहीं सकती " उसने बड़े ही प्यार भरे लहजे में मुझ से चिपकते हुए बोला 

" और देखो वो कमिनी कहीं छुप के देख रही होगी " 

" और तुम्हारा नाड़े मै बंधा हुआ लौड़ा मेरी कमर पे महसूस हो रहा है , फिर चोदने का मूड हो रहा है ?"

" मूड तो ख़तम ही नहीं हुआ , पर अभी नहीं , सब ख़तम करके हनीमून पे ही करेंगे जो करना है " 

" तुम ऐसा क्या करोगी , मुझे थोड़ा डर लग रहा है ! 

" डरो मत मेरे राजा , चुदाई के अलावा कुछ नहीं करूंगी , और लिए तो चुके को 2 बार !"

" नहीं तुम्हारे तेवर कुछ ठीक नहीं लग रहे " 

" ठीक है फिर डरते रहो , या फिर कुछ और ? " चलो अब हमारे कमरे में जाओ , मै आती हूं रिश्तेदारों से मिलके "

" कोनसा कमरा , मुझे क्या पता ? "

" मेरा कमरा , जिसमे मै रहती थी , छत पे , वही जाओ , मै आती हूं , लेट हो जाए तो से जाना , क्युकी वैसे भी मै कुछ करने वाली नहीं है " इतना कह के वो हंसती हुई चली गई ।

मै कमरे में गया और कपड़े उतारने के सोने कि तयारी करने लगा , सारा बाहर ही थी , मै समझ गया कि वो सच मे बिज़ी है और अपने रिश्तेदारों से बाते करके लेट है आएगी , मै सोने लग गया अपने बेड में और रात को काफी लेट कमरे में दस्तक हुई , मैंने सोचा सारा को अब फुर्सत मिली होगी और, आंटी मतलब अम्मीजी को तो कहा फुर्सत मिली होगी , सो रात को मेरी गान्ड को आराम है । 

पर मैंने महसूस किया कि जो हाथ मेरी बॉडी पे है और बहुत भारी है और रफ भी है , पहले तो मै डर गया कि कहीं लोगो को पता ना चल गया हो और सासू ने किसी आदमी को ना भेज दिया हो , पर जब अंधेरे मे उनकी बॉडी देखी तो उनके मोटे मोटे स्तन देख के समझ गया कि मेरी आंटी ही है " सारा कहा है अम्मी जी ? " 

" अच्छा तुझे बड़ी आदत हो गई एक ही दिन में ? 

उन्होंने जल्दी जलदी में अपने पूरे कपड़े उतार दिए और मेरे पलंग के पास आ गई । उनका लंबा चौड़ा शरीर देख के मै सिहर गया और मेरा लन्ड भी सनसनाने लगा । उन्होंने मुझे भी सारे कपड़े उतारने को कहा , फिर वही पर सारा की ड्रेसेस रखी हुई थी , उनमें से जल्दी से एक टॉप और स्कर्ट पहना दी और पलंग मै धकेल दिया 

" इतनी भी जल्दी क्या है , अभी तो पूरी रात पड़ी है "

" तुझे नहीं , मुझे तो है , 2 दिन से तेरा इंतजार कर रही हूं , और डर भी रही थी कि कहीं सारा मना ना करदे पर मेरी बच्ची को सच मे मेरा ख्याल है 

शेष आगे ..

Part 5 

" आप की बच्ची को आपके लंड का ख्याल है पर मेरी गांड़ का नहीं , पता है कितना चोदा है उसने रात को मुझे , चला भी नहीं जा रहा था सुबह तो !" मै मुस्कुराते हुए बोला 

" हाय मेरे राजा , ऐसा किया उसने , दिखा जरा " इतना कह के वो पलंग मै चढ गई और मेरी टांगो के पास आके घुटनों के बल खड़ी हो गई । उनकी बालो से भरी मांसल जांघें और उसपर झांटों से भरे उसे मोटे लंड को देख के मेरा मन करने लगा कि गांड़ की परवाह किए बिना एक बार और आंटी से चुद लिया जाए । आंटी मेरी टांगे फैला के मेरी गान्ड के छेद को देखने लगी , फिर बोली " हा लाल तो बहुत ही रखा है , तेल नहीं लगाया था क्या ? " 

तेल लगा के भी क्या होता , पूरे 5-6 बार झड़ी है आपकी लाडली , 2 घंटे के आस पास धुआंधार चुदाई हुई है मेरी " मै थोड़ा रुआंसा सा होके एक्टिंग करने लगा । 

" ओह राजा , मै समझा दूंगी उसे , अभी बच्ची है , फिर पहली बार चोदा है उसने किसी को " इतना कह के आंटी ने अपने भारी बोबों के बीच मेरा सर रख के मुझे प्यार से चिपका लिया , आंटी के मोटे मोटे बोबे तो बड़े सुखद लग रहे थे पर स्तनों के बीच के छाती के बाल मेरे मुंह में भर गए और मुझे एक मर्द की छाती का भी अहसास हुआ , सच मे , बोबो के बीच उनके कड़क काले मर्दों के बालो मे मुंह छुपाते ही मेरे लन्ड मै फिर सुरसुरी होने लगी ।

" क्या हुआ ? मेरी छाती के बाल मुह मे लेके कैसा लग रहा है ? नुन्नि खड़ी हो रही है मेरी रानी की ? " आंटी ने पहली बार मुझे लड़की की तरह संभोधित किया , मेरे लन्ड मै सुरसुरी सी आ गई ,  मैं कुछ नहीं बोला बस उनकी छाती के बाल मुह मे लेके अपने दोनों हाथ आंटी की बाल भारी कलाइयों पे फिराने लगा । 

आंटी समझ गई कि मै धीरे धीरे गर्म हो रहा हूं और चुदने के लिए तैयार हूं , वो मेरे मुंह को अपने सीने से हटा के अपने मुंह के पास लाई और मेरे दोनो कोमल से होटो को अपने मूछों से भरे मोटे होठों के बीच ले के चूसने लगी , जैसे कोई बच्चा लॉलीपॉप चूसता है , औटी की लंबी नाक देदी होके बिल्कुल मेरी नाक के साइड मे आ रखी थी और हमदोनो की नाक के बीच सिर्फ उनकी मूछों के बाल खड़े थे और मेरी नाक के नीचे गुदगुदी करने लगी ।

 मै अपने हाथ अब उनकी चौड़ी कमर पे ले गया और आंटी को कस के जकड़ लिया , मेरी टांगे अपने आप खुल गई आंटी मेरे ऊपर आने लगी । थोड़ी देर में आंटी मुझ पे पूरी तरह से लेट गई और उनका लौड़ा पूरा तन्ना के मेरी गान्ड के छेद पे दस्तक देने लगा । 

आंटी का 100 kg ka तंदरुस्त बदन के नीचे मै तो जैसे पापड़ की तरह चिपट गया था , पर मुझे उनका वजन बहुत अच्छा लग रहा था , उन्होंने मेरा सारा वजन अपने दोनो हॉथो मे ले रखा था और उनकी बाइसेप्स फुली हुई बहुत मर्दाना लग रही थी ,उन्होंने मुझे ऐसे जकड़ रख था कि मै बिस्तर पे छू भी नहीं रहा था , बहुत बल था आंटी के हाथो मे , फिर उन्होंने अपनी टांगो से ही मेरी टांगो को और चौड़ा किया और उनका लंड अपने आप अपना रास्ता ढूंढते हुए मेरी गान्ड के छेद में घुसने लगा , आंटी दोनो हाथो से मुझे संभाले हुए मेरे मुंह का बलात्कार करने में व्यस्त थी , उनकी मूछों और दाढ़ी के बालो ने मेरे गोरे चेहरे को लाल कर दिया था , थोड़ी देर में ही मैंने महसूस किया कि उनका लौड़ा मेरी गान्ड मे घुस चुका है और उनके भारी टट्टे मेरी गाडी पे सपाटे मार रहे है , मेरे मुंह से आह निकल गई । मैंने जोर से उन्हे जकड़ लिया , उनके भारी भारी बोबे मेरे सीने पे गद्दे के माफिक लिपट गए थे , वो फिर थोड़ी सी उठी और अपने आप को घुटनों पे लेटी हुई मुझे चोदने लगी 

" मजा आ रहा है गुड्डू ? " 

हा आंटी , बहुत अच्छा लग रहा है आप मे ती बहुत बल भी है ! मोहल्ले में तो कोई भी आप का मुक़ाबला नहीं कर सकता "  मै आंटी के मजबूत शरीर कि तारीफ करते करते ही झड़ सा रहा था ।

" अच्छा तो फिर ये बता ? कोन अच्छा चोदता है ? मै या सारा ? " उन्होंने ख़तरनाक सवाल पूछ लिया था ।

" सारा चोदती है तो ऐसा लगता है एक लड़की अपने लन्ड से लड़के को चोद रही है , पर आप चोदती हो तो लगता है एक मर्द औरत को चोद रहा है " मुझे उसके साथ लड़का ही होने का अहसास रहता है , आप मुझे तो बिल्कुल मर्दों के तरह चोदती हो " मैंने थोड़ा घुमा के जवाब दिया तो वो और भी खुश हो गई और  मुस्कुराने लगी और मुझे गोद में उठा के खुद ही अपने हाथो से उछाल उछाल के चोदने लगी । मै उह आह की आवाजे निकालने लगा । " सच मे बहुत मोटा और लम्बा है आपका आंटी , जरा धीरे "

" बेटा जब तक औरत के मुंह से चीख ना निकले तब तक मर्द की मर्दानगी कहा दिखती है , मै रुक तेरा कचूमर निकालती हूं " इतना कह के वो मुझे फूल स्पीड में चोदने लगी । इतने में सारा कमरे में आ गई, उसने जींस और शर्ट पहना हुआ था और चेहरे पे नकली दाढ़ी मूछ लगा रखी थी , मुझे लगा कि ये यास्मीन के मर्दाना कपड़े है पर उसने क्यों पहने है ? कहीं सारा भी मर्द तो नहीं बनना चाहती , उसने अपने बाल भी बिल्कुल चिपका के सर के ऊपर जुड़ा सा बनाए हुए थी। ,मेरी फूल स्पीड चुदाई देख के उसने अपनी जींस की चैन खोली और अपना लौड़ा निकाल के हिलाने लगी , एक मिनिट मे उसका फुट भर का लौड़ा पूरा तन गया ,फिर उसने मेरे पास आके मेरे टॉप को ऊपर करके मेरी निप्पल चूसने लगी और एक हाथ से अपना लन्ड सहलाने लगी । मै उससे पूछना चाह रहा था कि उसने ये मर्दों वाला लिबास और दाढ़ी मूछ क्यों पहनी है पर मेरे मुह को तो आंटी चूस रही थी । फिर अम्मी ने जैसे ही मेरा मुंह छोड़ के गरदन ढीली की और मै कुछ पूछता उससे पहले ही सारा पलंग पे उछल के खड़ी हो गई और मेरे मुंह पे अपना लौड़ा घुसेड़ दिया बोली " तुम्हे बड़ा शोक है ना लड़की बनके चूदवाने का ? सो देखो मैंने भी सोचा आज मौका है , मै भी लड़का बन के तुम्हे चोदूं , मेरी अम्मी की चुदाई से वैसे भी तुम्हारा मुंह खुला हुए है इसमें लौड़ा डाल के चीखे बंद करना भी जरूरी है , वरना यास्मीन को पता चल गया तो तुम्हे तीन तीन लौड़े लेने पड़ेंगे , अब मुंह में लेके चूसो मेरे लन्ड को डार्लिंग , देखा आखिर मौका मिल है गया मुझे " इतना कह के उसने पूरा लौड़ा मेरे गले तक उतार दिया । 

दोनो मां बेटी मेरा बलात्कार करने में लग गई , आंटी मेरी गान्ड को अपने लन्ड पे उछाल उछाल के चोद रही थी तो उनकी बेटी मेरा मुंह अपने लौड़े से दबा दबा के चोद रही थी । मैंने देखा सारा के भी बाइसेप्स फूल गए थे मेरे सिर को पकड़ ने में और ऐसा लग रहा था कि शायद वो भी मेरे से ज्यादा ताकतवर है , मै कुछ नहीं बोला पर अपनी बीवी को अपने से ज्यादा ताकतवर जान के मेरा लन्ड तन गया । आंटी और सारा ने मेरी तन्नी हुई नुंनी देखी और उसकी साइज देख के हंसने लगी , दोनो मे जैसे नया जोश आ गया ही , मुझे अंदाजा ती नहीं की मेरी ऐसी भी चुदाई होंगी , तकरीबन दोनो मुझे 10 मिनिट तक ऐसे ही चोदती रही और फिर जाके आंटी को वीर्य मेरी गान्ड मे छूटा और सारा ने मेरे मुंह में पिचकारी छोड़ी , मुझे तो पता भी नहीं था कि सारा के भी वीर्य निकलता है , बो भी इतना गाड़ा और ढेर सारा , मेरा पूरा मुंह भर गया ," चुपचाप पर जाओ इसे , थोड़ी ताक़त मिलेगी तुम्हे " सारा ने आंखे निकलते हुए बोला । 

मै सोचने लगा कि हम मै से मर्द कोन है , मै या सारा ? 

फिर दोनो ने मुझे छोड़ा और मै बिस्तर पे लाश की तरह गिर गया , दोनो के लंड अभी भी तननाए हुए थे , आंटी का लौड़ा थोड़ा झुक गया था पर सारा का अभी भी राकेट के तरह खड़ा था ।

" तुम बहुत सेक्सी लग रही हो लडको की ड्रेस और दाढ़ी मूछ मै " मैंने उसका वीर्य निगलते हुए और फिर उसे उकसाते हुए बोला क्युकी उसका वीर्य निकलता है ये जान के मै और थोड़ा पनिया गया था , ऐसा लग रहा था मेरी गान्ड चूत की तरह पानी छोड़ रही है और सारा भी अभी पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हुई है 

" तुम भी गदराई हुई मस्त रांड लग रहे हो मेरी स्कर्ट और टॉप पे , मुझ पे तो ये कभी इतने अच्छे नहीं लगे होंगे , थोड़े मेकअप की कमी है , अगली बार थोड़ी लिपिस्टिक लगा के रखना फिर लौड़े को चूसोगी तो अच्छा लगेगा " पहली बार सारा ने भी मुझे लड़की की तरह बात की।

" यार अभी मै पूरी तरह संतुष्ट नहीं हुई हू , इसबार कुछ नया ट्राई करते है , बोलो कैसे चोदू ये बताओ ?  कुत्ति बनके चुदोगे ? मुझे काफी डॉमिनेटिंग लगता है ऐसे करके चोदना , फिर चोदते चोदते गांड़ पे सपाटे लगाना ?"

" तुम मुझे डोमिनेट करना चाहती हो क्या ? " मैंने थोड़ा रुआंसे होते हुए बोला ।

" " ये नाटक बंद करो , मैं तो सिर्फ प्यार करना चाहती थी पर मुझे समझ आ गया कि तुम सिर रण्डी की तरह ही चुद के खुश होते हो , सो इसीलिए  मुझे अब पूरा मर्दाना रूप लेना पड़ेगा " इतना कह के उसने अपनी नकली मूछों पे तब दिया ।

 आंटी खड़ी हो के एक तरफ कुर्सी पे बैठ गई और सारा ने मुझे उल्टा कर के कुत्तियां बना दिया और खुद लंड घुसेड़ के मेरी पीठ पे चढ गई । 

" आज सच मै कुत्ते वाली फीलिंग आ रही है , तुम्हारी , गांड़ भी कुटिया की चूत जैसी दिख रही है चलो फिर आज कुटिया ही सही , तुम बुरा तो नहीं मानोगे ना मेरे पतिदेव ? " इतना कह के वो हंसने लगी फिर मेरे मजे लेने के लिए बोली " शर्म नहीं आती तुम्हे रंडियों को तरह , दूसरे लंड से चुदती हो " 

" अच्छा , जैसे कि मै आया था यहां चुदने , तुम्हे शर्म नहीं आती , अपने पति को चुद्वाते हुए ? मैंने भी मजे लेते हुए बोला ।

" तुम रुको जरा हनीमून तक , ऐसा चोदूंगी ना , किसी और से चुदवाना भूल जाओगे "

मै फिर डर गया और आंटी की तरह देखते हुए बोला " आंटी ये कल से तीसरी बार मुझे हनीमून की धमकी दे रही है , क्या करेगी ये ? 

" अरे बेटा डरे मत , ये तो यू हूं तेरे मजे ले रही है " इतना कह के आंटी फिर से अपने लौड़े को सहलाने लगी । मैंने देखा वो फिर से तैयार हो रही थी मैंने बोला  " नहीं अब और नहीं , आज कि रात इतना ही काफी है " इतना सुन के दोनो मां बेटी जोर ज़ोर से हंसने लगे । 

Saturday 28 November 2020

धोबन आंटी पार्ट 2 - आंटी की बेटी

 पहले भाग पे आपने पढ़ा कि कैसे मेरी धोबन आंटी ने मुझे चोद के 'हरा' कर दिया ( हरा करना क्या होता है , आपलोगो को पता ही होगा )।

इस भाग में मै आपको आगे की कहानी बताता हूं , उस दिन हम दोनो की चुदाई आंटी की छोटी वाली लड़की ने देख ली थी जिसका की हमे पता ही नहीं चला ।

आंटी की छोटी लड़की जिसका की नाम सारा था मेरी हमउम्र ही थी या कहो कि मुझसे छोटी थी पर हाइट मेरे बराबर ही थी पांच फुट , वो अपनी अम्मी के साथ हमारे घर आया करती थी और बचपन मै तो हम साथ साथ खेलते भी थे पर हमारी ज्यादा दोस्ती नहीं हुई थी , वो हमेशा मुझे चिढाती थी किसी ना किसी बात पे , इसीलिए मै बाद में उससे बचने लगा था पर अब तो उसकी लॉटरी लग गई हो जैसे ।

अगले दिन वो कुछ कपड़े देने के बहाने घर पे आई और कपड़े देके मम्मी से पूछा मै कहा हूं , मम्मी ने बताया कि मै अपने कमरे में हूं तो वो सीधा मेरे कमरे में आगई और आते ही मेरे कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया । मैंने पूछा सारा तुम यह कैसे ? और ये कमरे का दरवाजा बंद क्यों किया ? 

" कुछ नहीं बस ऐसे ही तुम से बात करनी थी " वो बोली और फिर धीरे से मेरे पास आके बैठ गई पलंग पे । मै थोड़ा घबराने लगा , वो कहते है ना 'चोर की दाढ़ी में तिनका , कल आंटी के साथ हुए कांड के बाद मै थोड़ा घबराया हुआ तो था ही , उसको इस तरह कमरे में आके दरवाजा बंद करते हुए देख के और घबरा गया ।

" बोलो क्या काम है ?"मैंने पूछा ।

" मैंने कल तुमको और अम्मी को देखा था एक साथ , अम्मी तुम्हारी चुदाई कर रही थी और तुम किसी रण्डी की तरह चिल्ला रहे थे " वो मुस्कुराते हुए बोली तो मेरी तो फिर से गांड़ फट गई ।

" डरो मत , मै किसी से कुछ नहीं बोलूंगी " 

फिर क्यों आईं हो ? क्या काम है ? 

मेरी भी अम्मी वाली ही प्रॉब्लम है !

क्या ! , मैंने चोकते हुए पूछा , " पर आंटी तो बता रही थी कि सिर्फ यास्मीन के ही लंड है , तुम्हारे बारे में तो कुछ नहीं बोला उन्होंने ।

शायद भूल गई होंगी , वैसे भी उनको तुम्हे चोदने की जल्दी जो पड़ी थी " उसने मुस्कुराते हुए कहा ।

तो तुम भी मुझे चोदना चाहती हो ? 

नहीं मैंने इतना तो नहीं सोचा , आखिर तुम हमारे अब्बा , मतलब , अम्मी , मतलब पता नहीं पर तुम अम्मी को पसंद हो , मै या यास्मीन ये सब कैसे सोच सकते है 

" फिर क्या काम है ? " मैंने थोड़ा रिलेक्स होते हुए पूछा ।

" मेरा मुंह मै ले लो , प्लीज" उसने एक सांस में कहा ।

मै फिर चौक गया ।

तुम चाहती हो मै तुम्हे ब्लोजॉब दू ? 

ये ब्लोजॉब क्या होता है मुझे पता नहीं पर जब भी तुम्हे देखती थी तो तुम्हारे मुंह में अपना लन्ड घुसाने की सोचती थी और इसी कल्पना मै मुठ मारती हूं , मैंने कल से पहले कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ये संभव है पर कल की बाद मेरी कल्पनाओं को पर लग गए हो जैसे , लौड़ा बैठ ही नहीं रहा ये देखो , बांध के रखा हुआ है कमर से । इतना कह के उसने अपनी सलवार ऊपर की तो वहा मुझे एक बड़ा सा उभार नजर आया जो उसकी सलवार ढका हुआ था ।

बाल उसके भी कम नहीं थे , अपनी मां पर गई थी पर कम थे , पर लौड़ा काफी बड़ा ही लग रहा था ।

" प्लीज , चूस लो ना एक बार ! " 

ठीक है पर तुम किसी को नहीं बताओगी , खासकर तुम्हारी अम्मी को ।

" हा मै किसी को नहीं बताउंगी" इतना कह के वो मेरे पास आ गई और अपनी सलवार का नाड़ा खोलने लगी , सलवार नीचे गिरते ही मैंने देखा उसने मर्दाना चड्डी पहन रखी थी और उसपे चुन्नी कस के बंधी थी 

" ये मर्दाना चड्डी क्यों पहन रखी है ?"

" तो तुम्हे क्या लगता है , वो छोटी सी लड़कियों वाली चड्डी मै ये लौड़ा और टट्टे आएंगे क्या , उस चड्डी मै तो मेरे टट्टे भी नहीं आते , रुको दिखाती हूं " इतना कह के उसने चुन्नी खोली और उसकी मर्दाना चड्डी मै आगे एक तम्बू बन गया ।

कितना बड़ा होगा इसका मै ये सोचने लग गया , कहीं अपनी मां से भी बड़ा हुआ तो ? 

मै सोच ही रही थी कि उसने अपनी चड्डी भी उतार दी और लंड का सुपाड़ा मेरे मुंह के पास ले आयी।

" है भगवान " मैंने कहा 

क्या हुआ ?

तुम्हारा बहुत बड़ा है 

तुमसे भी ?

जैसे कि कल तुमने देखा ही नहीं 

नहीं देखा , जब मैंने देखा , तुम अम्मी के नीचे दबे पड़े थे और जब तक मैंने देखा तुम वहीं दबे पड़े थे और चिल्ला रहे थे , मैंने सोचा तुम्हे बचाऊ फिर मैंने देखा तुमने अपने पैर अम्मी की कमर पे लपेट रखे थे , मै समझ गई तुम खुशी से चिल्ला रहे हो , वैसे भी मैंने कई बार देखा है तुम अम्मी की मूछों को घूर ते रहते हो तो मै समझ गई थी कि तुम अम्मी को पसंद करते हो और आज तुम दोनो को मौका मिला है सो मैंने डिस्टर्ब करना ठीक नहीं समझा ।

ओह , ये बात है , है ये सच है कि मै तुम्हारी अम्मी को बहुत पसंद करता हूं और वो जब मुझे चोद रही थी तो मुझे बड़ा मजा आ रहा था , पर जब वो बहुत ज्यादा ज़ोर से चोदने लगी तो मुझे सच मे दर्द हो रहा था , मैंने तुम्हारी अम्मी की कांख के बाल भी खीचे पर उन्हे ज्यादा असर नहीं हुआ । तुम्हे बचाना चाहीए था ।

" अच्छा , सच मे , मतलब तुम अम्मी से नहीं चुदवाओ गे आगे से ? " वो थोड़ी खुश होती हुई बोली ।

" हा हा हा , नहीं ये बात नहीं है , पहली बार सबको दर्द होता है मैंने अब दिल से उनको अपना पति मान लिया है " 

" ही ही ही , अम्मी को और पति ?" 

लौड़ा देखा है तुमने अम्मी का अपनी ?

हा देखा है , बड़ा है पर वो भी तो बड़ी है उस हिसाब से मेरा भी बड़ा ही हुआ , ये देखो उसने हाथ से मापते हुए कहा " एक फुट " और मै हू अभी 15 साल की , अम्मी की उम्र तक आते आते तो आराम से 2 फुट का हो जाएगा ! बोलो मुझे से करोगे शादी ? , मै तो तुम्हे पत्नी भी नहीं बनाऊंगी , पति बनाऊंगी "

और चोदोगी नहीं ? 

"कभी तुम चोद लेना , कभी मै चोद लूंगी "

मै मन ही मुस्कुराने लगा , सोचा जब ये मेरा देखेगी तो क्या सोचेगी और मुझे तो सिर्फ चुदवाने मै ही मजा आता है पर कुछ बोला नहीं और खड़ा होके अपनी पैंट उतारने लगा ।

" क्या हुआ अभी चोदोगे , चूसोगे नहीं मेरा ? " 

उसने सोचा कि मै उसे चोदने के ऑफर को सीरियस ले रहा हूं 

जब मैंने अपनी पैंट उतारी तो , मै लड़कियों वाली पेंटी मै था , उसने पैंटी को देखा तो बोली " तुम लड़कियों वाली पेंटी क्यों पहने हो ?" 

"तुम्हारी वाली ही प्रॉब्लम है , मेरा छोटा है और लडको की चड्डी में हिलता ही रहता है , ये देखो "  इतना कह के मैंने चड्डी उतार दी , मेरा लन्ड उस वक्त मुरझाया हुआ 2 इंच का हो रखा था , मेरे झांटे भी नहीं थी ।

वो पूरी तरह से आवाक रह गई । अपने तन्नाए हुए 12 इंच के लौड़े के साथ वो मेरी तरफ बढ़ी और अपने लन्ड का सुपाड़ा मेरे लन्ड के ऊपर लाके रुक गई ।

" बस इतना सा ? ये तो किसी बच्चे का सा लग रहा है , मेरा तो 5 साल की उम्र में भी 4-5 इंच का तो था ही हिंदुओ का लन्ड इतना छोटा होता है क्या ? " वो मजाक नहीं उड़ा रही थी बल्कि बहुत सोच में थी पर फिर धीरे धीरे अपने लन्ड को मेरे लन्ड मै फिराने लगी , जैसे कोई लकड़ी से घास में कुछ ढूंढ रहा हो 

" ये क्या कर रही हो ? 

" बुरा ना मानो तो एक बात कहूं ? , अगर सिर्फ हर रोज मै ही चोदूं तो चलेगा ? वैसे भी मुझे सिर्फ चोदना ही पसंद है अम्मी की तरह , वो चुदवाने वाली बात तो मै इसलिए ख रही थी कि कोई भी लड़का बिना चोदे तो मानेगा नहीं , मैंने सोचा तुम अम्मी से चु द रहे हो तो चुद् वा भी लोगे , यही सोच के बोला था पर अब लगता है तुम चोद तो पाओगे नहीं , बल्कि अच्छा है मै या अम्मी जैसी लड़की तुम्हे मिल गई वरना तुम्हे लडको से काम चलाना पड़ता " और वो हंसने लगी 

मुझे गुस्सा आ गया " मुझे लड़के पसंद नहीं है , और मै लंड की वजह से तुम्हारी अम्मी को पसंद नहीं करता , वो तो उनके इतनी बड़ी बड़ी मूछें है इसलिए पसंद करता हूं मुझे तो कल से पहले पता भी नहीं था कि उनके लौड़ा है , वो भी इतना बड़ा" 

" पर मूछें पसंद करना भी लड़कीपन की निशानी है ना , और लौड़ा देख के तुम चूदे तो सही ना ? भागे तो नहीं " 

" हा नहीं भागा , है पसंद मुझे औरतों की मूछें पर सिर्फ औरतों की , तुम्हे इससे क्या ? " मै और गुस्सा होते हुए बोला 

" अच्छा बाबा गुस्सा मत होवो , I love you  , 

" तुम बकवास कर रही हो , नहीं चूसना मुझे तुम्हारा " 

अच्छा ठीक है , मै सब को बता दूंगी "

बता दो , ये भी बताना पड़ेगा कि तुम्हारी अम्मी के लौड़ा है "

इतना सुन के वो सोच पे ओड गई पर फिर मेरे दोनो हाथ पकड़ लिए और मुझे बिस्तर पे गिरा दिया और दोनों टांगे भी मेरी टांगो मै जकड़ ली फिर बोली " तुम सच कह रहे हो मै बता ती नहीं सकती पर तुम्हारा बलात्कार तो कर सकती हूं !"

" नहीं प्लीज , छोड़ दो मुझे , मै तुम्हारी अम्मी को बता दूंगा !"

" हा हा हा  , अम्मी को मै धमकी दे दूंगी , अब मुझे चोदने की ठरक लग गई है , तुम्हे पता नहीं मै किसी को ये बात नहीं बता सकती कि मेरे लौड़ा है और तो और शायद किसी को बता भी दू तो कोई भी अपने से बड़े लंड वाली लड़की को बर्दाश्त नहीं करेगा , और तो और मुझे सिर्फ चोदना पसंद है मर्द बनके , अब बताओ कहा मिलेगा मुझे ऐसा लड़का ? सिर्फ तुम ही हो , देखो वैसे तो मै तुमसे ज्यादा ताकतवर हूं और तुम्हारा बलात्कार कर सकती हूं पर मै प्यार करना चाहती हूं तुम्हे "

नहीं मै नहीं चुदवाउंगा , तुम्हारी अम्मी को धोखा नहीं दे सकता अब , "

" अच्छा एक दिन कि चुदवाने मै मंजनू बन गए , या कहूं किं लैला बन गए हो , देखो मान जाओ "

अच्छा चूस लूंगा 

ना अब चूसने से काम नहीं चलेगा , अब तो चोदूंगी  इतना कह के वो मुझे काबु करने लगी , हम दोनों मै जम के कुश्ती हुई पर मेरी सांसे फूलने लगी , उसने आखिर अपनी दोनो टांगे मेरी टांगो के बीच ऐसे फंसा दी की मेरा कमर के नीचे का हिस्सा जाम हो गया और उसका लन्ड मेरी गान्ड के छेद पे टिका हुआ था , दोनो हाथो से उसने मेरे हाथ पकड़ रखे थे ऊपर से भी ज्यादा हिल नहीं सकता था और ऊपर से हिलने का फायदा भी नहीं था , उसके जरा सा आगे झटका लगते ही उसका लन्ड मेरी गान्ड मे घुस जाना था ।

थोड़ी देर वो भी इसी पोजिशन में मेरी ऊपर पड़ी रही , उसकी भी सांसे फूल गई थी , फिर हमदोनो की पोजिशन देख के बोली  " बोलो , राजी राजी चुदोगे या घुसेड़ दू ? "

" छोड़ दे मुझे सारा तुझे तेरे बाप की कसम " 

" कोनसा बाप वो तो मर गया , नहीं मरा होता तो भी चुदने के काम ही आता " 

है भगवान कैसी लड़की जो तुम , अपने बाप के बारे में ऐसा बोलती हो ,"

उस अपनी गलती का अहसास हुआ " नहीं बोलती , पर तुमने मजबूर कर दिया , और इतना कह के उसने एक ही बार मै पूरा लंड अंदर पेल दिया और मेरे हाथ छोड़ के मुझसे लिपट गई , धीरे धीरे अन्दर लंड पेलने लगी और अब मेरी टांगे भी ढीली छोड़ दी , उसे पता था काम हो गया है , उसका लन्ड मेरी गान्ड मे घुस गया है , अब अगर मै ज्यादा हिलूंगा तो मुझे ही दर्द होगा ।

मै भी चुपचाप पड़ रहा और वो मुझसे लिपट के सिर्फ अपनी गांड़ हिला रही थी , उसको बहुत उत्तेजना थी शायद , वो सिर्फ पांच मिनिट मै झड़ गई और मेरे ऊपर लेटी रही । 

इन सब बातो मै मेरा लंड खड़ा हो गया था और उसकी चुदाई से झड़ गया था , उसे झडने के बाद अहसास हुआ

वो मेरे ऊपर से उठी और मेरे लन्ड को देखा । " ओह तो ये ऐसे खड़ा होता है और झड़ता है ! , मतलब अगर मै तुम्हे चोदूं तो हमदोनों को एक साथ मजा आ सकता है , फिर क्या प्रॉब्लम है तुम्हे ? , अच्छा तुम्हे लगता है मै तुम्हे डोमिनेट करूंगी , तो ठीक है तुम पहले चोद लेना मुझे ! "

" मै तुम्हारी मै को धोखा नहीं से सकता "

उसने एक करारा थप्पड़ मुझे रसीद किया और बोली 

" कब से देख रही हूं अम्मी की रट लगाए बैठे हो , कभी सोचा है , अम्मी तो हब्शी है , वो तुम्हे कभी चोदने नहीं देगी और हर रात वैसे ही तुम्हारा बलात्कार करेगी जैसे कल किया था , अल्लाह के लिए सोचो जरा , कितने मर्दाना बाल है उनकी बॉडी पे , एक दिन में एक ब्लेड ख़तम होजाती है जब वो शेविंग करती है"

मुझे पसंद है 

वो तुम्हे लड़की बनाके रखेगी , तुम्हे कभी भी दाढ़ी मूछ नहीं उगाने देगी , समाज में तुम सिर्फ बुर्का पहन के घुमोंगे , बहुत कट्टर मुसलमान है वो "

" मुझे कोई दिक्कत नहीं है , मेरे वैसे भी दाढ़ी मुछे नहीं आती है , कमसेकम तुम्हारी अम्मी के तो है "

" तुम पूरे लड़की नहीं हो , अभी देखा मैंने , तुम्हारा लन्ड खड़ा होता है और झडता भी है , मै तुम्हारी गर्लफ्रेंड बन के रहूंगी , सिर्फ रात को बॉयफ्रेंड बन जाऊंगी , तुम्हारी जिंदगी नॉर्मल ही रहेगी , मेरा फिगर देखा है 38-24-40 , बिल्कुल कमसिन लड़की की तरह , बाल भी सिर्फ झांटों के और कांख मै है लड़कियों के तरह , सोचो कभी तुम अम्मा के साथ बाहर जाओगे और अम्मा ने बुर्का उतारा या अपने पैरो को दिखा दिया पब्लिक में तो लोग क्या सोचेंगे कि ये लड़का या लड़की कितनी मर्दाना औरत के साथ है ?"

" मुझे दुनिया की परवाह नहीं है , वो जो चाहे सोचे ,"

पता नहीं फिर उसे क्या हुआ " उसने पूरी ताक़त से मुझे अपनी गोद में उठाया और मुझे फ्रेंच किस करने लगी , 2 मिनिट बाद मुझे नीचे उतरा और बोली " अम्मा लकी है जो उन्हे तुम मिल गए , काश मै भी इतनी लकी हो जाऊ कभी "

अब मै इमोशनल हो गया और उसे बोला " रहूंगा तो तुम्हारे घर में ही ना " इतना कह के मैंने उसे आंख मारी ।

Sunday 22 November 2020

मेरी शीमेल धोबन आंटी ने कि मेरी धुआंधार चुदाई

 मुझे याद है बचपन में हमारे मोहल्ले में एक धोबन रहती थी । वो एक मुस्लिम थी । वो जयादातर बुर्का ही पहनती थी जब भी हमारे घर कपड़े लेने या देने आती थी । उनके साथ उनकी लड़की भी आती थी जो मेरी हमउम्र थी । आंटी सिर्फ नाम का ही बुर्का पहनती थी और चेहरा नहीं ढकती थी । वो बुर्के का नक़ाब सिर्फ अपने आधे चेहरे पे ही पहनती थी और वो भी सिर्फ मुंह तक होता था बाकी आंखे और नाक और ज्यादातर हिस्सा खुला होता था जैसा कि कई औरते आजकल कोविड़ का मास्क लगा के घूमती है । हमेशा उनकी नाक के नीचे से गुजरता हुआ वो काला  नक़ाब ऐसे लगता था कि जैसे कि उनकी काली दाढ़ी और मूछ हो । वो थोड़ी सांवली थी और उनकी नाक बड़ी लंबी थी । इसलिए उनका नक़ाब हमेशा नाक के नीचे ही रहता था और कभी वो नक़ाब टाइट भी होता तो उनकी 2 इंच लंबी नाक उसे ऊपर आने से रोकती थी । मै सोचता था कि आंटी के सच मे सरदारों वाली दाढ़ी मूछ होती तो वो और भी खूबसूरत लगती ।

मै जब भी उन्हें आता देखता तो अपने कमरे में घुस जाता और खिड़की में से चोरी छुपे उनके इस मर्दाने रूप को देख के मूठ मारता था। मै शुरू से ही मर्दाना औरते जिनके बहुत बाल हो या जिनके दाढी मूछ आ रखी हो उन औरतों से चुदने कि कल्पना करते हुए मुठ मारता था और ज्यादातर वो ही मेरी कल्पनाओं मै आती थी ।

उनका शरीर भी बहुत लंबा चौड़ा था , शायद वो पठान थी , उनके मम्मे और कुल्हे बड़े थे मेरी मम्मी से भी बड़े पर उम्र में वो 40 से ज्यादा नहीं लगती थी । शारीरिक मेहनत की वजह से उनके उनके हाथ बिल्कुल रफ थे और कलाई तक बाल आ रखे थे , कई बार मैंने उनका हाथ देखा , हाथ के पंजे के पीछे और उंगलियों पे भी बाल थे , जैसे किसी मर्द का हाथ हो , मम्मी से उनकी अच्छी पटती और हमारे घर काफी देक रुकती थी , मै इसी बात का फायदा उठा के उन्हे हर एक एंगल से देखता और मूठ मारता । सबसे अच्छी बात तो ये थी कि वो बहुत लंबी भी थी , मेरे पापा से भी लंबी , शायद उनकी हाइट 5' 10" होगी जबकि पापा की 5' 5" और मेरी सिर्फ 5' ही थी , वो मोहले में सबसे लंबी तगड़ी औरत थी, सारे आदमी उनके भरे पूरे शरीर की कामना करते होगे पर उनके भारी भरकम शरीर को देख के हिम्मत नहीं करते थे।

 उनके पति नहीं था और वो और उनकी दो बेटियां ही कपड़े धोने और प्रेस का काम करती थी बड़ी बेटी और वो लड़कियों के कपड़े भी सिलाई करती थी , ईमानदार थी पर हमारे घर ये अलावा बाकी लोगों से बहुत ही रिजर्व रहती थी ।

मै अक्सर उनके घर जाया करता था , कभी धुलाई के कपड़े लेने देने या कभी मम्मी के ब्लाउज और पेटीकोट के सिलसिले में। 

एक बार की बात है जहा से मेरी जिंदगी ही बदल गई । मै उनके यहां पर कपड़े देने गया तो उन्हे बिना बुर्के के सलवार कमीज़ में देखा ।

उनके इतने बड़े बड़े स्तन देख के मै देखता ही रह गया बिल्कुल गाय के थनो के या बोलो भेंस के थनो के बराबर एक स्तन था , पपीते जैसे लंबा और तना हुआ , बिल्कुल दूध की डेयरी के तरह , उनकी कमीज़ पूरी टाइट  हो रखी थी और चुकी वो ज़मीन पे बैठ के कपड़े धो रही थी तो उनके भारी मम्मे आधे से ज्यादा सलवार के गले से बाहर आ रहे थे । वो घुटनों के बल बैठी थी और उनकी सलवार पैरों पर ऊपर चढ गई पर थी और उनके पैरों पे काले काले मर्दों के समान बाल देखे । तब मुझे लगा ये तो मेरी कल्पना से भी ज्यादा मर्दाना है । कहीं ये अंकल तो नहीं , पर उनका चेहरा और भारी कुल्हे और बोबे देख के ये गलतफहमी दूर हो जाती। मेरा नुनु खड़ा हो गया , मै फिर अपनी कल्पनाओं में खोने ही वाला था कि उनकी मुझ पे नज़र पड़ गई ।

वो मुझे हमेशा से ही ही बड़ी प्यारी नजरों से देखती थी , मै गोरा चिट्ठा और थोड़ा मोटा सा था मेरा वजन 70 केजी था  , बिल्कुल गोल मटोल , वो मुझे गुड्डा बुलाती थी ।

आ गया मेरा गुड्डा , बैठ मै जरा कपड़े धो लू ।

नहीं ठीक है आंटी , मै फिर आ जाऊंगा ।

अरे बैठ ना , कहा भाग रहा है , हमेशा मुझसे भागता क्यों रहता है , मुझ से डर लगता है ?  घर पे भी जब कपड़े देने आती हूं तू कमरे में चला जाता है , क्या बात है ? तू तो बिल्कुल लड़कियों को तरह शर्माता है , कहीं लड़की तो नहीं है ?, चल इधर आ मै चेक करू , इतना कह के वो हंसने लगी ।

असल में मुझे वो बहुत अच्छी लगती थी और मुझे लगता था कि वो मुझे खुद को घूरते हुए पकड़ ना ले , इसलिए जब वो पास होती तो भागता था और दूर से देख के मूठ मारता था । 

वो कपड़े धोना छोड़ के खड़ी हुई और मेरे बिल्कुल पास आ के खड़ी हो गई , मेरे दोनो कंधो मै हाथ रखा और मुझ से बोली " क्यों भागता है ? मै कोई खा नहीं जाऊंगी" 

मैंने उनको देखा तो देखता ही रह गया , इतनी सुन्दर थी वो , बड़ी सी नाक , बड़ी बड़ी आंखें , गहरी मोटी आयब्रोज जो आपस में मिली हुई थी,  ऊपर से हल्की हल्की मूछे आ रखी थी , गालो पे भी साइड में बाल थे , बिल्कुल जैसे किसी औरत को दाढ़ी मूछें लगा रखी हो , वो मेरे पास आती तो उनके मम्मे मेरे मुंह पर आ गए थे , मै कुछ बोल ही नहीं पाया ।

उन्होंने आसपास देखा तो कोई नहीं था , बोली " चल मेरी कमर पे हाथ रख ।

मैंने घबराते हुए उनकी कमर पे हाथ रखा , थोड़ी मोटी मोटी गुदाज़ लग रही थी ।

उन्होंने मुझे मेरे कूल्हों से पकड़ के उठा लिया और  पास रखी स्टूल पे मुझे गोद में बिठा लिया । मै उनकी गुदाज़ जांघो पे बैठा हुआ था और उनके बोबे मेरी छाती पे चिपक गए थे , वो एक हाथ से मेरी पीठ संभाल के दूसरे हाथ से मेरी छाति मसलने लगी , जैसे अंकल लोग करते है , मुझे समझ ही नहीं आया की आंटी ऐसे क्यों कर रही है , फिर वो धीरे से अपने होठ मेरे पास ला के मुझे चूम लिया और मुस्कुराने लगी , कुछ देर ऐसे ही चलता  रहा , वो बार बार मुझे अपनी छाती में दबाती और फिर मेरी छाती मसलती ।

फिर अचानक से मेरे कानो को अपने दांतो मै लेकर हल्का हल्का कांटने लगी और मैंने महसूस किया कि वो मुझे अपने गोद में बिठा के नीचे से ऊपर की और  हिल भी रही थी । मुझे लगा वो मुझे जैसे पापा मम्मी को करते है वैसे करना चाह रही है ।

मै कुछ बोला नहीं पर मुझे बहुत मजा आ रहा था फिर अचानक से वो बोली " मेरे से प्यार करेगा ? मै अच्छी लगती हूं तुझे ? " 

मैंने शरमाते हुए बोला " हा आंटी मुझे आपकी मूछें बहुत अच्छी लगती है , आपने जब मुझे अभी चूमा तो मुझे आपकी मूछें मेरे होटों पे बहुत अच्छी लगी ।" 

अच्छा तो तुझे मेरी मूछें पसंद है ? फिर तो तुझे मेरी दाडी और पैरों के बाल भी पसंद होंगे ? , तुझे मर्दाना औरते पसंद है तो चल मै तुझे लड़की बनाके प्यार करूंगी , मुझे भी तू बहुत अच्छा लगता है एकदम लड़कियों की तरह चिकना है तू ।" 

" आप मुझे लड़की बनाके कैसे प्यार करोगी आंटी , मै तो लड़का हूं" 

तुझे लड़कियों के कपड़ने पहना के तेरे को चोदूंगी बुधु " इतना कह के उन्होंने मुझे ज़ोर से अपनी बाहों में भीच लिया , मेरी तो आह ही निकाल गई , " कितना दम है आप मै आंटी" मैंने कहा 

" पर ये चोदना क्या होता है आंटी ,और चोदने के लिए तो लौड़ा होना चाहीए ना वो तो आदमी के होता है आप तो औरत हो ना "  

रुक जा सब बताती हूं तुझे , इतना कह के वो मुझे गोद में उठाए हुए ही कमरे में ले गई । मै एक मोटा लड़का हूं करीब 70 kg का और मुझे ऐसे उठाए हुए थी जैसी की मेरा वजन कुछ भी नहीं ।

कमरे में जा के उन्होंने दरवाजा बंद किया और फिर मुझे गोद से उठा के पलंग पे बिठा दिया और बोली " तू लड़की बनेगा मेरे लिए ?" 

मैंने कहा " ठीक है आंटी आप जैसा बोलो मुझे कोई दिक्कत नहीं है पर आप खुद औरत हो , क्या आप को लड़के पसंद नहीं ?" 

" मुझे ना लड़कियों टाईप के लड़के पसंद है और मुझे तुझे लड़की बनाके प्यार करना है , एक बात बोलूं मै अंदर से बिल्कुल लड़का हूं , लड़का नहीं बल्कि मर्द हूं ! तुझे अच्छी लगती हूं ना ?"

" हा आंटी , आप मुझे बहुत पसंद हो , मुझे पता है आप थोड़ी मर्दाना टाईप की दिखती हो पर पता नहीं क्यों मुझे आप की हेयरी बॉडी बहुत पसंद है , आप जैसा बनना चाहो बना लो " 

" ये हुई ना बात , रुक मै तेरे लिए कपड़े ढूंडती हूं " इतना कह के वो अलमारी मै मेरे लिए कपड़े ढूडने लगी फिर थोड़ी देर बाद वो मुड़ी तो उनके हाथ में एक स्कर्ट और एक लड़कियों वाले टॉप था जो शायद मैंने उनकी लड़की को पहने हुए देखा था पर मैंने और कुछ भी देखा , मैंने देखा उन्होंने अपने पायजमे के एक तरफ कुछ घुसा रखा था , शायद उनका एमसी पड़ खुल के सलवार में एक तरफ आ गया था और सलवार आगे से भी फुली हुई लग रही थी जैसे कई बार पापा का अंडरवियर आगे से उभरा हुआ रहता है , मैंने सोचा आंटी की एमसी बहुत आती होगी इसलिए आंटी बहुत सारे पैड लगाती है । फिर भी मैंने पूछ ही लिया " आंटी ये आपकी सलवार आगे से इतनी फुली हुई क्यों है ?" 

"मेरे इतना पूछते ही वो झेप गई और बोली कुछ नहीं गुड्डे ,अभी तू गुडिया बन फिर बताती हूं " इतना कह के वो मेरे पास कपड़े लेके आयी और मुझे खड़ा करके खुद ही मेरे कपड़े उतारने लगी और बोली " हाय कितना चिकना है तू बिल्कुल लड़कियों को तरह , एक भी बाल नहीं है तेरे , और ये छाती भी उभरी हुई है , कितने साल का हो गया तू ? " 

" मै 17 साल का हूं आंटी " 

" अरे 17 साल का और कोई बाल भी नहीं आए , तेरे दाढ़ी मूछ भी नहीं आनी शुरू हुई ? मेरी छोटी लड़की के मूछ उगने लग गई है और तेरे नहीं ? सब चिड़ाते होंगे तुझे ? " 

" हा ना आंटी , स्कूल में सब मुझे लड़की लड़की बोलते है , पर में परवाह नहीं करता , मुझे तो बल्कि अच्छा ही लगता है कि शेविंग नहीं करनी पड़ती "

" और मेरे देख कितने बाल है , चेहरे पे तो तूने देख ही रखे है , अभी बाकी शरीर देखेगा तो कहीं ऐसा ना हो तू भाग जाए ?" 

" नहीं आंटी , मुझे आपकी हेयरी बॉडी पसंद है , और मैंने आपके पैर भी देखे थे अभी जब आप कपड़े धो रही थी और आप की सलवार घुटनों तक उठी हुई थी , बहुत ही ज्यादा बाल है आपके पर एक बात बोलूं आप बुरा ती नहीं मानोगी ?"

" अरे मेरी राजा , तू जो बोले अच्छा ही लगेगा , बोल ?" 

" आंटी मै जब भी आप घर पे आती है ना बुर्का पहन के और नक़ाब को अपनी नाक के नीचे रख के पहनती हो , मुझे ऐसे लगता है जैसे आपके दाढ़ी मूछ आ रखी हो और मै आप को देख के मूठ मारता हूं "

अरे बदमाश , तब ही तू अंदर भाग जाता है , और कई बार मैंने खिड़की से झांकता हुआ देखा है " मुझे समझ ही नहीं आता था कि ये लड़का पहले तो भागता है फिर खिड़की मै से क्या देखता है , अब समझी , और मेरी दाढ़ी मूछ  , हाय अल्लाह , सच बता और  क्या सोचता है ? 

" आंटी मुझे शरम आ रही है " मैंने अपना चेहरा घूम लिया तो वो मेरे पास आ के मेरे चेहरे को अपनी और घूमाते हुई बोली " बोल नहीं तो एक लगाऊंगी " फिर मंद मंद मुस्कुराने लगी ,

मैंने कहा " आंटी मै सोचता हूं कि आप मेरे ऊपर हो और मै आपके नीचे , और आप मुझे प्यार कर रही हो" 

"बस इतना ही या और कुछ ? "

बस इतना ही 

मतलब मै कैसे प्यार कर रही हूं , ये तो बता 

बस आप मुझे चूम रही हो और इससे ज्यादा कुछ नहीं सोचता , फिर मेरा हो जाता है "

हा हा हा , वो जोर से हंसने लगी और बोली " तू बिल्कुल सही है मेरे लिए , आज तुझे इससे आगे का भी बताऊंगी , चल ये कपड़े पहन फटाफट ।


और खुद अपना पायजामा खोलने लगी , उनकी बाल भरी मजबूत टांगो के बीच एक घना काला झांटों का जंगल था जिसमे से एक फुट भर का लंबा लन्ड लटक रहा था , उन्होंने पायजामा साइड मै फेका और लन्ड हाथ में लेके हिलाने लगी , 1 मिनिट मे ही लन्ड देड फुट जितना लम्बा हो के एकदम बांस की तरह तन गया , मोटा भी बहुत था , और उसका सुपाड़ा तो बिल्कुल क्रिकेट की गेंद के तरह गोल मोल , और बिल्कुल लाल सुर्ख मोटा था ।

बोली "इससे चोदूंगी तेरी गांड़ को , जहां से तू टट्टी जाता है ना वहा , इसे कहते है प्यार करना , समझे !" 

मैं तो देखता की देखता ही रह गया , इतना मोटा लन्ड और इतने सारे बाल , मैंने किसी आदमी के भी नहीं देखे थे , मेरा लन्ड सिर्फ 5" का था और बाल तो मेरे आनेभी शुरू नहीं हुए थे , मै घबराते हुए बोला " आंटी आप के इतना बड़ा लंड , इतना तो आदमी के भिन्नही होगा , मेरे पापा का भी 5- 6 इंच ही होगा , मेरे बराबर , आप के इतना बड़ा ! और ये तो मेरे छेद मै ? मेरा छेद तो बहुत छोटा है , ये कैसे घूसेगा उसमे ।"

" तू घबरा मत मेरा लंड एक बार तन जाता है तो फिर ये कही भी घुसा सकती हूं , तेरी चिकनी गांड़ मे भी घुसा दूंगी तुझे बहुत मजे आएंगे "

" नहीं आंटी दर्द होगा ना !"

नहीं बेटा मै तेल लगा के चोदूंगी , तुझे बिल्कुल दर्द नहीं होगा 

आंटी मुझे डर लग रहा है , 

अरे बेटा मेरी प्यास बुझा दे , दो साल हो गए यास्मीन के अब्बा को मरे हुए तब से मैंने किसी को चोदा नहीं ।

आप अंकल को इससे चोदती थी , मैंने असमंजस में पूछा 

रोज चोदती थी , गोद में उठा उठा के चोदती थी , वो भी क्या दिन थे , शादी के दूसरे साल से ही उनको चोदना शुरू किया और पूरे बीस साल चोदा ।

मुझे पता ही नहीं चला आंटी बात बात करते करते पलंग पे आ गई थी ।

मुझे पलंग पे ऊपर होने को बोला और खुद घुटनों के बल पलंग पे खड़ी हो गई , वो इतनी दूर थी पर उनका सुपाड़ा बिल्कुल मेरे होठं को छू रहा था ।

बोली " मुंह में लेगा गुड्डू , बड़ा स्वाद मिलेगा । मैंने एक हाथ से डरते डरते उनका लौड़ा पकड़ा तो लगा जैसे गरम गरम लकड़ी को पकड़ लिया हो , मैंने कहा आंटी ये तो बहुत गरम है , वो कुछ नहीं बोली मुस्कुराते हुए अपनी कमीज़ उतारने लगी ।

जैसे कि मैंने पहले देखे थे , उनके बाजू बड़े मोटे मोटे थे , जैसे किसी पहलवान के हो और कांख के नीचे के बाल पहली बार देखे थे , उनकी कांख के बाल 7-8 " लंबे थे एकदम काले घने और उनके स्तनों तक फैले के आए हुए थे ।

मै फिर चक्कर खा गया , एक तो लंड , ऊपर से इतने बड़े बोबे और फिर बाल भारी बगले , पहले मै उनके बोबे देखे तो देखता ही रह गया , एक एक बोबा एक पपीता नहीं बल्कि तरबूज से भी बड़ा था , वो तो ब्रा मै सिमट के पपीता लग रहा था , ब्रा निकले ही तरबूज की तरह बड़ा हो गया , और ये क्या उनके तो स्तनों के बीच के क्लीवेज में भी बाल थे और निपल्स के चारो तरफ भी बाल थे , उनकी 58 " की बड़ी छाती किसी पहलवान औरत की मजबूत छाती जैसी लग रही थी , मैंने पूछा "  ये क्या आंटी आपके इतने बड़े बोबे और उनके बीच ये मर्दों वाले बाल , समझ नहीं आ रहा आप मर्द हो या औरत ? " 

" बेटा तेरे जैसे लड़कियों टाईप के लौंडे के लिए तो मै  जन्नत हूं , अल्लाह ने मुझे चिकने लौंडे चोद ने के लिए ही बनाया है , बोल पसंद हूं की नहीं ? " 

" है आंटी बहुत पसंद हो , पर एक शर्त है आपको मेरे लिए पूरा मर्द बनना पड़ेगा , मतलब कि चोदेगी आप ही , मै बस आपके नीचे रह के चुदुंगा " इतना कह के मै अपने कपड़े उतारने लगा और आटी की दी हुई स्कर्ट और ब्लाउज पहन लिया और आंटी को अपनी चिकनी गुदाज़ बॉडी से सिड्यूस करने लगा ।

मैंने देखा औटी कमरे में एक कुर्सी पे बैठके मेरी अदाए देखने लगी और अपने डेढ़ फुट लंबे ,  झांटों से भरे लन्ड को सहलाने लगी , मेरा मन कर रहा था कि मै उनकी मजबूत बालों से भरी जांघे पे जाके उनको लैप डांस दू जैसा अंग्रेजी पिक्चर्स मै होता है 

आखिरकार वो उठी और मुझे उठा के पलंग पे पटक दिया , मै गिर के फिर बैठ गया तो वो  मेरी तरफ बढ़ रही थी ,मै सबसे पहले उनकी बाल भारी टांगो को चूमने लगा फिर धीरे धीरे उनकी टांगो पे ऊपर भड़ने लगा , उनकी टांगो के बाल कहीं भी कम नहीं हो रहे थे , जांघो तक पूरा बालो का कार्पेट लगा जो जैसे , फिर मै उनके टट्टे हाथ में ले के सहलाने लगा , टट्टे भी बालो से भरे थे और काम से कम आधा किलो के तो होंगे , जैसे किसी घोड़े के होते है , मै डर रहा था कि जब आंटी मुझ पे चड़ाई करेंगी तब क्या होगा पर मेरी हवस और नुनु मुझे सोचने से मना कर रहे थे , आंटी अपने दोनो बलिष्ठ हाथो से खुद के मम्मे दबा रही थी और जोर जोर से आवाजें निकाल रही थी जैसे कि कोई शेरनी दहाड़ रही हो , फिर मैंने उन्होंने मेरा सर पकड़ और अपने लन्ड का सुपाड़ा मेरे मुंह में घुसा दिया , मेरा पूरा मुंह किसी गरम गुलाबजामुन से भर गया हो ऐसा लगा ।

 करीबन 5 मिनिट तक ऐसे ही वो मेरे मुंह में लन्ड भर के आगे पीछे होती रही  और मेरा मुंह चोदती रही फिर जब उनसे नहीं रहा गया तो मुझे पीठ के बल लिटा के मेरी टांगो के बीच में आ गई । 

बोली " तैयार है मेरी रानी चुदने को ? 

मैंने कहा कपड़े नहीं उतारू , तो बोली नहीं , कपड़े तो मै सुहागरात वाले दिन उतारूंगी , आज स्कर्ट ऊपर करके है काम चलाऊंगी , और टॉप को बीच में से फाड़ के तेरे निप्पल चूस लूंगी , मैंने कहा ठीक है 

फिर वो मुझपे झुक के मुझे चूमने लगी , कभी मेरे होटों को चूमती , कभी गालों को मुंह में भर के चूसती जब भी चूमती उनकी मूछे मेरी स्किन पर चुभती और मुझे और ज्यादा उतेजना होती , मुझे लगा मै झड़ गई जाऊंगा ।

 मेरी चिकनी टांगें उनकी जांघो पे थी और उनकी जांघो के बाल मुझे भी मुझे गुदगुदी कर रहे थे , मै गुदगुदाने लगा तो पूछी "क्या हुआ मजा आ रहा है ? ", मैंने कहा "हां आंटी आपकी टांगो के बालों से गुदगुदी है रही है ", इतना सुन के वो भी मुस्कुराने लगी , फिर एकदम से उठी और अलमारी में से सरसो के तेल की शीशी निकाल के लाई । मैंने कहा ये तो बहुत पुरानी लगती है तो बोली है दो साल पुरानी है तेरे अंकल को चोदती थी तब काम मै लेती थी , कभी कभी तो उनको मेरा लन्ड लेने के इतनी जल्दी होती की बिना तेल के ही घुसवा लेते थे बाद में चीखे मारते । 

अच्छा हमेशा आप ही अंकल को चोदती थी या कभी अंकल भी आप को चोदते थे ,

चोदते थे ना शुरू शुरू मे , पर जब मेरे अंदर मर्दनापन बढ़ने लगा और मेरा लन्ड उनके लन्ड से बड़ा हो गया बस तब तक ही , असल में उनका लन्ड 6-7 इंच का ही रहा और और मेरा धीरे धीरे 12 इंच तक हो गया , फिर क्या उन्हे था उन्हे सिर्फ चुदने में भी मजा आने लगा , फिर मेरा भी मर्दानापन इतना बढ़ गया कि वो मुझे चोद भी ले तब भी आखिरी चुदाई मै ही करती थी । बादमे तो मै उनको ही चोदने के बहाने ढूंढे ने लगी और रोज उनके सामने शर्तें रखती ,  बोलती थी एक पंजा लड़ाते है जो जीतेगा वो चोदेगा , या कभी कुश्ती या कभी कोई गेम , वो हमेशा मुझसे हार जाते थे , पंजा लड़ना मेरा पसंदीदा गेम था , क्युकी मै पंजे में उनको तुरंत हरा के तुरंत चोदना चालू कर देती थी ।

फिर भी कभी कभी वो मुझे चोदने की इच्छा रखते तो मैंने नया आइडिया निकला मैंने उनसे लन्ड लन्ड खेलने लगी , उसमे तो मुझे पता था कि मेरा हथौड़े जैसा लंड उनपे भारी  पड़ना ही है , मेरे लन्ड के दो फटके खा के उनका लंड सिकुड़ जाता था और जब तक उनकी गांड़ मे अपना लन्ड ना डालू तो खड़ा भी नहीं होता था । बस फिर ऐसे ही शादी के 3- 4 साल बाद ही मैंने एक बार उनके लन्ड की अपने लन्ड से कुछ ज्यादा ही पिटाई करदी दारू के नशे में की फिर वो खड़ा ही नहीं हुआ ,और मै हमेशा के लिए बेडरूम में मर्द और वो मेरी रण्डी बन गए ।

छी छी , औटी आप तो बहुत बुरी हो , बेचारे अंकल को रांड बना दिया , 

अरे नहीं असल मै नहीं , सिर्फ चोदाई में , वो खुद कहते थे " मै तेरी रण्डी है , चोद मुझे भोसडीके " 

पर आंटी अभी तो आप का लन्ड डेढ़ फुट हो गया है , ये कैसे 

अरे बेटा , मेरी हवस बढ़ती गई और कोई प्यास बुझाने को मिला नहीं , घर में सिर्फ दो बेटियां है और एक बात बताऊं बड़ी वाली के तो खुद लन्ड है 10 इंच का किसे चोदती 

तेरे पे मेरी कई सालो से नजर थी कि तू जब बड़ा होगा तो तुझे अपनी बीवी बनाऊंगी । मैंने तो तेरे लिए दुल्हन के कपड़े भी तैयार कर रखे है पर वो सब बाद में , अभी मुझे अपनी प्यास बुझाने दे । इतना कह के उन्होंने ढेर सारा तेल अपने लन्ड पे लगाया और उंतना ही मेरी गांड़ पे लगाया और पक् करके सुपाड़ा मेरी गांड़ मे घुसा दिया , मुझे तो संभलने का मौका भी नहीं दिया और करीबन फुट भर का लंड मेरी गांड़ मे घुसा दिया और मेरे ऊपर लेट गई , उनके 120 केजी के भारी शरीर के नीचे मै पूरा दब गया। 

1 मिनिट तो वैसे ही लेटी  रही फिर मेरे कान में बोली , अपनी टांगे मेरी कमर पे लपेट लो मेरी रानी अभी मै चोदना चालू करूंगी । मैंने जैसा उन्होंने बोला वैसे कर लिया , मुझे दर्द हो रहा था थोड़ा थोड़ा पर अब कुछ नहीं हो सकता था , उन्होंने मेरे शरीर को मेरे हाथो समेत अपने एक हाथ से जकड़ लिया , दूसरे हाथ से मेरी एक तरफ की छाती मसीजनी शुरू करदी फिर एक झ्टके में मेरा टॉप फाड़ के दूसरी तरफ की छाती की निपल् को अपने मुंह में लेके ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी ।

उसके बाद शुरू हुआ उनका चोदने का कार्यक्रम , उनके हथिनी की साइज के कूल्हे बहुत ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे होने लगे और उनका लंड मेरी गांड़ मै अंदर बाहर होने लगा जैसे कि कोई आरी मशीन लकड़ी काट रही हो और लकड़ी मै आरी अंदर बाहर होती है । बड़ा भयंकर दृश्य रहा होगा अगर कोई कमरे में खड़ा हो के देख रहा होता तो ।

एक भयंकर मर्दाना औरत एक फूल जैसे कोमल लड़के को तूफान कि तरह चोद रही थी , उनके हाथो मै भी इतना ज़ोर था कि मेरी एक तरफ की छाती लाल होके दर्द करने लगी , मै उह आह करने लगा और  आंटी को मेरी छाती छोड़ने को बोलने लगा पर ऐसा लग रहा था कि उन पे मेरी कोई बात का कोई असर नहीं हो रह था ।

वो किसी हब्शी आदमी की तरह मेरी निप्पल के साथ साथ मेरी आधी छाती मुंह में ले के चूस  रही थी , मुझे लगा आज तो मै गया , मैंने किसी तरह से अपने हाथ उनकी पकड़ से निकले और उनकी कांख के बाल अपनी मुठ्ठी में भर के खीचने लगा कि शायद उनको कुछ असर हो पर उनको अपनी कांख के बालो के खिचने का भी असर नहीं था वो मुझे बस चोद रही थी ।

थोड़ी देर में वो मेरे ऊपर से उठी मुझे लगा अब वो थोड़ी ठंडी हुई है या मेरे उनकी कांख के बालो को खीचना काम कर गया पर मै गलत था वो तो पूरे नशे मै थी चुदाई के और मेरे दोनो हाथ अपने हाथो मै ले के फिर चोदने लगी , उनकी मूछों पे पसीना जमा हो गए था और उनकी काली काली मूछें अब और भी ज्यादा साफ दिख रही थी , वो मुझे 10 मिनिट तक ऐसे ही चोदने के बाद मुझे थप्पड़ लगाने लगी और अब उन्होंने धक्कों की रफ्तार और बढा दी , मैंने कहा " धीरे आंटी धीरे"  पर वो तो और जोर से चोदने लगी , फिर बड़बड़ाने लगी , " हा य मेरी जान , मेरी रानी , तुझे चोद चोद के  रण्दी नहीं बनाया नहीं तो मै भी अपने बाप की औलाद नहीं , तुझे मै अपनी बीवी बना के सुहागरात के दिन गोदी में उछाल उछाल के चोदूंगी , बोल चुदेगी ना मेरे से रोज़, बनेगी ना मेरी रानी , 


मैंने कहा है ऑटनी मै बनूंगी आप की बीवी , अभी तो छोड़ दो , वो खुश हो गई और फिर मेरे ऊपर लेट के हल्के हल्के झतके लगाने लगी  असल मै वो अब झडने लग रही थी और अगले 5 मिनिट तक मेरी गांड़ मे वीर्य छोड़ती रही  , मेरा पेट फूल गया उनका वीर्य पी के ।

पूरे 30 मिनिट की इस भयंकर चुदाई मै बाद मेरे हाथ पैर हिल भी नहीं रहे थे।

ऑटी की बीवी बनने के कहानी बाद में ।

Wednesday 21 October 2020

Stronger wife

 A young husband finds that his wife is stronger than him, but in a nice way.


The young couple were in bed by ten most nights, and swore they would never go to sleep angry with each other. But this night was different, Dinesh was adamant he had been wronged and was not about to start any intimacy until

Shardha apologized. He lay with his back to his young wife and tried to sleep, their vow to always make up forgotten.


Shardha knew he was upset but still believed she was right, and wanted to make up. She reached a hand out to him and pulled his arm, but he resisted and would not turn over. She took a firmer grip of his slim right arm and pulled more insistently, her heart leaping slightly as he rolled towards her. 

Deciding that she would need to start things herself she slipped her right leg across and pressed it between his thighs, pressing against his still flaccid member. Shifting her upper body over him she pressed her large breasts (40 DD) against his slim chest (36), knowing that he loved the feel of them.


Dinesh was not ready to make up and moved his hands to push her off him, if they were to make love it would be when he was ready, and not before. He was puzzled to say the least when he found that he couldn't shift her, nor stop her advancing further.


He was a Quality Control Manager at a local manufacturing firm who cycled to Work most days and thought himself fit and healthy. Always stating that he was 5' 7", he was actually nearer 5'6", and weighed in at a trim 58 Kg. His wife claimed to be 5'8", but was almost an inch taller making her even taller than him. She was also active and worked in Quality Control at a small meat packaging plant nearby. She walked the three miles to work most days and didn't carry much excess weight on her curvy frame. Although she didn't like to admit it, she was almost 20 kg heavier than her husband, due to her more solid build.


As her husband started to caress her shoulders she nuzzled into his neck and slipped her right arm under his left and beneath his shoulders, pulling herself completely on top of him. Her breasts pillowed out between them and his right leg pressed between her thighs insistently. She gripped his right arm and pressed it to the bed while swinging her leg up and over his so that she could press herself against his manhood, both her legs between his now and nudging them gently but firmly apart. She moaned softly as he swelled against her, clearly aroused now and moving sensuously beneath her. Releasing his arm she reached down and gripped his firm small ass, shifting him slightly so that they were poised ready for her next move. She was now aroused herself, more than ever before, the gentle rubbing against him stimulating her so that she was almost ready even before he penetrated her.


Dinesh was frantic; despite his best efforts to prevent her, his wife had shifted his body into position beneath hers and taken what he thought of as the man's, HIS, position above him. His legs were wide apart while her legs were between him. All his squirming and heaving had left him breathless and helpless; nothing he did seem to have an effect on her. Her thick thighs were pressing his own apart even more as she pressed herself against him. His arousal was entirely against his will, and yet....

Shardha tightened her arm around his shoulders and slipped a hand between their heaving lower bodies to take him in hand and position him ready for her to fuck him. She teased the end of his penis around her moist hairy pussy and carefully slipped the tip into herself. Letting out a slight squeal of pleasure she pushed down, taking him slowly deep inside of her. Already on the verge she lifted her hips and thrust with more force, his gasp was even louder than her own and she repeated the move with more force again. In seconds she was coming, thrusting with short powerful moves until she moaned loudly and pushed down hard, not moving except for small shudders.

Dinesh was now heaving with all his strength to shift his wife to her normal position beneath him and take control, if they were going to do this he would need to be on top. With Shardha's powerful thighs pinning his to the bed he could not use his legs to turn her and was only able to use his upper body strength.

She seemed to weigh a ton, her arms were thicker than he remembered, and her shoulders and back wider. When the shudder from her orgasm came he felt the arm around his shoulders tighten almost painfully. His hand at the time was gripping her upper arm in an attempt to shift her and he froze as he felt the already large limb grow beneath his hand. 


Shardha's orgasm ended but she wanted more, and she wanted Dinesh to enjoy one too. She began slowly moving her hips up and down with a slight circular movement that really seemed to be causing Dinesh pleasure; his cock seemed to be growing even harder inside her. His hands seemed to be pushing at her as though he wanted her to slow down, or move in some different way, but she loved the way this felt and decided to continue. His way of making love had always been enjoyable, but not like this, she was liking this way better and was not about to stop.


Dinesh was more aroused than he could ever remember, and was not sure why as he struggled to take over proceedings. His wife grabbed him by the wrists and simply moved his arms away from her and suddenly he was pinned and unable to move as she slowly pumped her hips up and down. She moved his arms so that both his wrists were above his head and then began to move her chest as well, the big breasts rubbing sensuously over him. Desperate to take some sort of control he put everything into a final effort to break free.


Not only was Shardha enjoying this new position, but she could tell from the sobs and heaving of her husband that he was really enjoying it too. Clearly her taking the initiative had turned him on; she had never felt him so hard inside her. As she moved his arms easily over his head she wondered if that was part of it; did he like her being in control? Clearly he had not done much to prevent it.

Without stopping the slow thrusts of her hips she placed both his wrists in one hand and slipped her other behind on his chest and start crashing his chest like a man do to his wife.


"Like this, huh?" she breathed softly, smiling as he pretended to struggle beneath her. "Like me to be on top, do you?" she asked breathily as she gave him a hard thrust with her hips, only to slow down slightly and start with the circular motion again. She smiled as each downward thrust caused a gasp to escape from his lips, and she slammed down hard and was rewarded with an audible noise more like shock.


Aroused beyond belief, Dinesh was in shock. His young, normally demure wife had him pinned helplessly on the bed while she slowly brought him to climax, her strong body clearly easily able to overpower his. He stopped heaving with his arms as it was only straining his shoulders and looked into Shardha's eyes. She looked radiant as she increased the pace of her thrusting hips, watching him for the signs of his impending orgasm, wishing to time her second with it. Releasing his hands as the inevitable approached she shifted her right arm back around his chest to cradle his nipples while her left reached down to caress his firm buttock and thigh. Sensing that he was close now she started to pump in earnest, until she felt his body tense up, and then she thrust hard. Almost lifting completely off him she drove down again and again, bringing herself to orgasm even as he shot deep inside her. Such was the pleasure that she barely noticed his hands as they roamed across her shoulders and along her arms.


She lifted herself slightly, resting on her right elbow and smiled down at him. 

"Wow, that was fantastic," she said, beaming a big smile at him. "Hope you didn't mind me being on top this time, but it just felt so good I didn't want to move anywhere else."


"No, you can do that whenever you want." 


She thought she could hear something in his voice, but could not quite place it.

She reached up with her left hand to brush her hair over her right shoulder, and then she noticed his hand on her biceps. The position caused it to flex and he was silently feeling the big roundness of her considerably large bicep. It was swelling like a big man’s.


"I do seem to have grown somewhat since I took on this new position at work." It was almost an apology, she had noticed that she seemed to be getting heavier but not in the places she would expect. She spent six hours a day lifting sealed meat packages to visually inspect before delivery. "Nothing could replace the human eye", her boss had told her when explaining the importance of her new job. And when, after only three weeks, she had complained of backache, a physio was there the next day to teach her lifting posture and exercises to ease stress from standing all day. And two weeks later she had a new job title and a pay rise as well as a bigger appetite. Lifting packages weighing up to 30 Kg all day made her hungry, as well as noticeably bigger in the shoulders and arms.


"Do you think I should change my job? Am I starting to look.....well..... Too big?" She bit her lip as she waited for the answer, she didn't know if he would be upset that she was ballooning up so much. "They get bigger," she said as she lowered and raised her clenched fist a few times, watching his face. He inhaled slowly as the bicep beneath his hand grew even bigger with each flex. "I used to struggle with all the lifting but I hardly notice it now. I guess I'm a bit stronger than I used to be." She paused as she felt his recently depleted cock growing inside her again. "Do you mind that?" 


The question was almost redundant as he continued to feel the thick arm, and just to be sure she lowered herself gently on top of him and raised her right arm in the same pose, pumping it quickly up to the same size.


"No, I don't mind. You just made me come harder than I ever have before, and I'm getting aroused again just by feeling these arms of yours. Like I said, you can do that to me whenever you want. And I mean that you literally can do that, whenever you want whether I want to or not, whether I try to stop you or not. I tried to stop you earlier and you hardly noticed, you just took control, did what you wanted."


"Oh, Dinesh, I'm sorry, I didn't realize you wanted me to stop. I.."


"No! The best sex EVER! You were so powerful; you are so powerful that I couldn't make any difference at all. And did I mention that I came harder than ever before?

Seriously, you CAN do that to me anytime YOU want to. And if I try to stop you just ignore me, hold me down and fuck me till you're done. Nothing has ever turned me as much as you just now, taking me against all my best efforts to stop you."


"Really? You were trying your hardest to stop me? It didn't seem like you were trying that hard at all. I had both of your arms down with just one of mine.....

And you were trying to get free? To stop me?"


"Yes, really. I don't know who was strongest before you took this job, but there’s no question at all now. If you want sex with me, you can just put me in whatever position you want me and fuck me. I will struggle; try my best to stop you, but not because I want you to stop, because I know you are much stronger than me. Holy shit, Shardha, it’s only been two minutes and I'm hard as stone again."


She took his wrists and pinned his arms either side of his shoulders while nudging his legs even further apart than before. She ground herself against him before rising up and thrusting back down, noticing with delight that he was indeed, really hard again. This time she was less gentle, when she came down on him it was with considerable force on his hips and groin, making a slapping sound. His legs spread wider and she hammered down, relishing the power she had over him.


She released his wrists and slipped her arms around his slim upper body, supporting herself and hugging him tightly to her as she slowly but firmly pumped her hips. He lasted longer this time but she did not tire, reveling in the feel of his hands on her strong body. She tightened her arms as she felt his hands on them, teased him by lifting almost completely off him then surging down again. She loved being on top, it was such a thrill for her.


She came twice more before she felt his body tense, ready to burst again, and when she felt his hands on her buttocks, trying to force her down onto him she clenched them tightly, hardening them so that he could feel the power there. This also caused her to grip him tightly within her, and she sensed his orgasm backing off. She moved slowly again, then increased her speed until he was gasping with each thrust, only to stop and lock him tightly once more. 


Finally she could feel another orgasm rising within her and she pumped him harder and faster until they both came together. She mashed her lips onto his as she held him tightly in her arms as they both shuddered with pleasure.


Friday 21 August 2020

ट्यूशन वाली मैडम

 ट्यूशन वाली मैडम

मै बहुत छोटा था तब , तकरीबन 10-12 साल का और मेरे घर वालो ने मेरी ट्यूशन लगा दी पड़ोस वाली मैडम के , 

मैडम तलाकशुदा थी और स्कूल टीचर थी और साथ साथ ट्यूशन पढ़ा के ही अपना गुजारा करती थी ,

मैडम की उम्र करीब 30-35 साल की होगी , मुझे ज्यादा अंदाजा भी नहीं था उस वक़्त , मै जब भी उन्हें देखता था तो उनके बड़े बड़े मोटे मोटे बोबे मेरा ध्यान खीचते थे , वो बहुत लो कट गले का ब्लाउस पहनती थी और उनके मम्मे बहुत ही सफेद थे जो कि आधे से ज्यादा ब्लाउस के बाहर ही आते रहते थे , जब भी वो झुकती या कुछ काम करती तो उनके बोबे और बाहर आ जाते , मै कई बार उनसे डांट खाता की मेरा ध्यान किधर है ? उनकी एक खासियत और थी और वो थी उनकी मूछे , उनके होठ के उप्पर गहरे काली मूछो के बाल उगे हुए थे जो मुझे बहुत उत्तेजित करती थी , उनके पावों पर भी गहरे काले बाल थे । वो हमे ज़मीन पर बिठा के पढ़ाती थी और खुद भी पट्टे पे बैठती  थी , उनकी साड़ी पैरो पर से उप्पर हो जाती उनकी पिंडलियों तक और उनके पूरे काले काले मोटे कड़क बालों से भरे पैर मेरी आंखो के सामने आजाते , कभी कभी तो मैं करता था कि कॉपी किताब छोड़ के उनके पैरों को पकड़ के उनके कड़क बालों को महसूस करूं और अपनी नुन्नी उन टांगो में रगड़ू पर सिर्फ कल्पना ही होती और मुझे फिर डांट पड़ती की मेरा ध्यान किधर है 

उनको इस बात का शायद अंदाजा हो गया था कि मै उनके पैरों और मूछों को बहुत घूरता हूं और शायद उन्हें अच्छा लगने लगा था , वो शायद बहुत मर्दाना थी और उन्हें मेरे जैसे चिकने बच्चे चोदने का मन करता हो, उन्होंने शायद अपने पति को भी इसीलिए छोड़ा होगा क्युकी वो खुद मर्द की तरह व्यवहार करना चाहती होगी और पति तो आखिर मर्द ही रहना चाहता होगा ।

एक दिन उन्होंने बाकी बच्चो की जल्दी छुटि कर दी और मुझे बचा हुआ होमवर्क करने के बहाने रोक लिया , सब बच्चो के जाने के बाद मुझे पलंग पे बैठने को बोला और फिर खुद मेरे बिल्कुल करीब आके बैठ गई , इतनी करीब कि उनकी जांघ मेरे जांघो से सट रही थी और बहुत गरम गरम लग रही थी , मुझे घूरती हुई बोली , क्या देखता रहता है तू , एकदम गुस्से से , उनकी आंखे बड़ी बड़ी हो गई और नाक फूल गई , इतनी पास अपना चेहरा ले आई कि उनकी मूछें मेरे गालों को छू ने लगी । मेरे तो चेहरे पे एक बाल भी नहीं आया था , वो मेरे चिकने चिकने गालो पे अपने होठ फिराने लगी और साथ साथ उनकी मूछें भी मेरे चेहरे पे फिरने लगी , ऐसा लग रहा था कि कोई मर्द अपनी माशूका को रिझा रहा हो , मेरी नुनी खड़ी हो गई , उन्होंने मेरी छोटी सी नुनी अपने हाथो में पकड़ ली और दूसरे हाथ मेरी कमर पे लपेट के दूसरी तरफ ले गई और मेरी छाती अपने हाथो में लेके मसलने लगी । फिर मुझे गोद में उठा के बिस्तर पे उल्टा लिया दिया और खुद मेरे उप्पर लेट गई ।

वो बहुत भारी थी , मै पूरा दब गया , उनके दोनों हाथ अब मेरी दोनों छातियों को मसल रहे थे और वो अपने कूल्हों से मुझे धक्का लगा रही थी , मुझे कुछ समझ ही नहीं आया की वो क्या कर रही है हालांकि मेरी नुनी बिस्तर पे रगड़ खा रही थी तो मुझे मजा तो आ रहा था पर मेरी छातियां क्यों रगड़ रही थी , आज सोचता हूं तो समझ आता है कि वो मुझे मर्द बन कर चोद रही थी । 

थोड़ी देर तक धीरे धीरे फिर उन्होंने जोर जोर से धक्के लगाने शुरू किए और छातियों जोर जोर से मलती हुई मेरे कानो को काटना शुरू कर दिया , उनकी मूछ मेरे कानो में गुदगुदी कर रही थी , मै भी झड़ गया और वो भी शांत हो गई , फिर यूं ही मुझ पर लेते हुए पूछा कि मजा आया ? 

मैंने कहा है मैडम , कुछ तो हुआ गई नीचे , आप बहुत अच्छी हो 

उन्होंने कहा ये तो कुछ भी नहीं मै और मजा दूंगी पर किसी को बताना नहीं की हमने क्या किया है , ठीक है 

मैंने कहा ठीक है मैडम पर क्या आप अपने पैर चाटने दोगी 

पैर , पैर क्यू चाटने है तुझे ? 

उन पे बड़े बड़े बाल है ना , मुझे आपके पैरों के बाल बहुत पसंद है 

तब तो तुझे मेरी मूछें भी पसंद होगी 

हा मैडम मैंने किसी औरत के इतनी बड़ी मूछें नहीं देखी , आप बिल्कुल मर्दाना दिखती हो 

तुझे पसंद है मर्दाना औरते ? तू लड़का है या लड़की 

मैडम मुझे में करता है कि आप लड़का बन जाओ और मुझे लड़की बनाओ 

अच्छा ठीक है , मुझे भी ये ही पसंद है , मुझे तेरे जैसे चिकने लड़के बहुत पसंद है और मुझे उनको लड़की बना के और खुद लड़का बन के चोदने का मन करता है 

ये चोदना क्या होता है मैडम 

हा हा हा पागल , इतना भी नहीं पता , ये जो मैंने किया है ना इसे है चोदना कहते है पर ठीक तरह से नहीं किया , हमने कपड़े पहने थे ना , नंगे होकर करेंगे तो असली मजा आएगा 

मैडम हम नंगे कब होंगे ? 

पागल अभी नहीं , अभी कोई आ जाएगा , जब कभी किसी के आने का नहीं होगा ना दो तीन घंटे , तब चोदूंगी तुझे 

अच्छा मैडम आप ही चोदोगी , मैं नहीं चोद सकता आप को 

तू लड़की बनेगा ना ,लड़कियों नहीं चोदती , सिर्फ लड़के ही चोद सकते है , तुझे लड़की बनना है या चोदना है 

नहीं नहीं मैडम आप ही चोदना , आप ही लड़का बनना। 

दो तीन दिन तक उन्होंने कुछ नहीं किया बस हम सब बच्चो को पढ़ा के छुट्टी कर देती , मै उनकी टांगे ही देखता रहता फिर एक दिन उन्होंने मौका ढूंदा और बाकी बच्चो कि जल्दी छुट्टी कर दी और मुझे दरवाजा बंद करने को कहा , मै तो बहुत खुश हो गया , आज  उन्होंने मेकअप भी कर रखा था , हल्की हल्की गुलाबी लिपस्टिक लगाई हुई थी और बहुत लो कट गले का काला ब्लाउस पहना हुआ था , एकदम सेक्सी लग रही थी और उनकी काली मूछें और भी काली लग रही थी , उन्होंने मुझे पूरा नंगा किया और बिस्तर पे लेटा दिया , फिर अपनी साड़ी उतारी और पेटीकोट भी उतार दिया , नीचे से पूरी नंगी हो गई , फिर अपना ब्लाउस उतारा और सिर्फ ब्रा पहने हुए मेरे ऊपर चढ गई , उनके बगल के बाल बहुत बड़े बड़े थे  , बाजू भी बहुत तगड़े लग रहे थे , ऊपर से नीचे तक काले घने बालों में वो किसी गोरे गोरे मर्द कि तरह लग रही थी बस मोटे मोटे बोबे ब्रा में थे , उन्होंने मेरे पैर फैलाए और मेरे ऊपर सीधी लेट गई , मेरे से बहुत लंबी थी वो , उन्होंने मेरी नुनी अपनी चूत में डाली और मुझे अपने पैर उनके कूल्हों पे लपेटने को कहा , फिर दोनों बलिष्ठ हाथो से मेरी छाती मसलते हुए मुझे चूमना शुरू किया और धीरे धीरे चोदना भी शुरू कर दिया , थोड़ी देर में वो और गरम हो गई और एक हाथ से मेरी गर्दन दबा दी और दूसरे हाथ से थप्पड़ लगाने लगी और चोदने लगी , कभी थप्पड़ लगाती कभी मेरे सीने को बोबो कि तरह मसलती , फिर सब छोड़ के मेरे को अपने सीने से जकड़ लिया और अपनी गर्दन मेरी गर्दन में घुसा दी और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगी , मुझे दर्द होने लगा , मै चीखने लगा और वो मुझे चोदती रही , दस मिनिट बाद वो झड़ गई और मेरे उप्पर ऐसे ही पड़ी रही 

फिर बोली आज से तू लड़की और मै लड़का बन गए है 

मेरी मूूछो को चाट रण्डी , इतना कह के अपने होठ मेरे होठ पर रख दिए

मै उनकी मूछें अपने मुंह में लेके चाटने लगा और वो मेरी निपल्स मसलने लगी ,फिर उठ के एक मोटा लैंड जैसा कुछ अपनी कमर में बांधा और मेरी गान्ड में  नकली लैंड घुसा दिया , मै बहुत रोया तो मुझे लेके खड़ी हो गई और मुझे अपने उप्पर उछाल उछाल के चोदने लगी , फिर मेरा शरीर दीवार पे मार दिया और कंधे पकड़ के मुझे नीचे दबाने लगी और नीचे से अपनी लैंड से मुझे और जोर से चोदने लगी 

मेरी गान्ड फट गई , 

घर आके बताया तो पापा लड़ने गए तो पापा को कुश्ती कर के हरा दिया और फिर पापा को भी मेरे सामने ही अपने लन्ड से चोद दिया , पापा तो भाग गए उन्होंने मुझे अपने पास ही रख लिया 

फिर ट्यूटन में एक छोटी क्लास कि लड़की आयि ,

उसके काजल से नकली मुछे बनाए और उसके वो लैंड बांध दिया , फिर उस लड़की ने भी मुझे घोड़ी बना के चोदा , वो लड़की बड़ी खुश हो गईं,

 मम्मी को ये बात पता चली तो वो पता नहीं क्यू खुश सी हो गई और मैडम से नकली लंड्ड ले के आया और फिर मम्मी ने भी पापा को नकली लैंड से चोदा और खूब पिटाई भी कि ।

 धीरे धीरे मोहले कि हर औरत के मूछें और लैंड निकल आया , सब ने साड़ी में लड़ तान के चलना शुरू कर दिया , बड़ी बड़ी दाडी और मुछ उगाना शुरू कर दिया , बुर्के वाली आंटी भी बुर्का  हटाते ही दादी मूछों में नजर आती , सब सब के सब मर्दाना ही गई , लंबी लंबी नाक और नाक के नीचे घनी घनी पहलवान टाइप मूछें,  और जहा देखो वही अपना बड़ा मोटा मूसल जैसा लैंड निकाल के आदमियों को चोद रही है , सब के हाथ पर बहुत बलिष्ठ हो गए है और उनपे काले काले बाल आगाए थे 

शहर में कोरोना वायरस की तरह यह बीमारी फैल गई। अब आगे देखे क्या होता है