**Title: "मर्द औरत और औरत मर्द"**
रजनी और अमन की शादी को पांच साल हो चुके थे, लेकिन उनका रिश्ता आम जोड़ों जैसा नहीं था। रजनी लंबी और ताकतवर थी, जबकि अमन पतले-दुबले और शर्मीले किस्म के। रजनी को हमेशा से यह एहसास था कि वह अमन से ज्यादा डोमिनेंट है, और धीरे-धीरे उसने इस रिश्ते को अपने हिसाब से मोड़ना शुरू कर दिया।
एक दिन की बात है, रजनी ने अमन के लिए एक खास साड़ी खरीदी। वह गहरे लाल रंग की थी, जिसका ब्लाउज डीप नेक वाला था। अमन ने जब साड़ी देखी तो वह चौंक गया।
"यह क्या है, रजनी?" अमन ने डरते हुए पूछा।
रजनी मुस्कुराई, "आज से तुम मेरी औरत हो, और मैं तुम्हारा मर्द। अब इसे पहनो।"
अमन का चेहरा लाल हो गया, लेकिन रजनी की आँखों में वह डरावनी चमक देखकर उसने मना नहीं किया। धीरे-धीरे उसने साड़ी पहनी, जबकि रजनी ने अपने चेहरे पर शेविंग फोम लगाया और रेजर से दाढ़ी बनाने लगी।
"देखो, अमन... आज से मैं तुम्हारा पति हूँ," रजनी ने गर्व से कहा, "और तुम मेरी पत्नी। तुम्हें मेरी हर बात माननी होगी।"
अमन ने सिर झुकाकर हाँ में सिर हिला दिया।
रजनी ने डीप कट ब्लाउज पहना हुआ था, जिससे उसके भरे हुए स्तन साफ झलक रहे थे। वह जानबूझकर अमन के सामने ऐसे चलती कि वह शर्म से नीचे देखता रहे।
रात को बेडरूम में रजनी ने अपना दबदबा और बढ़ा दिया। उसने अमन को बेड पर लेटने का आदेश दिया और खुद उसके ऊपर चढ़ गई।
"आज मैं तुम्हारे ऊपर हूँ," रजनी ने कहा, "तुम बस मेरी बात सुनोगे।"
अमन ने कुछ नहीं कहा, लेकिन उसकी आँखों में मिश्रित भावनाएँ थीं—शर्म, डर, और कहीं न कहीं एक अजीब सी उत्तेजना।
रजनी ने उसकी साड़ी धीरे-धीरे खोली और अपने भारी स्तनों से उसके चेहरे को दबा दिया।
"चूसो," उसने आदेश दिया, "जैसे एक औरत अपने पति को चूसती है।"
अमन ने आँखें बंद कर लीं और रजनी की बात मान ली। वह उसकी हर इच्छा पूरी करता रहा, जबकि रजनी उस पर राज करती रही।
कई घंटों तक चले इस सेशन के बाद, अमन पूरी तरह थक चुका था। रजनी ने उसे गले लगाया और कहा, "अब तुम हमेशा मेरी औरत रहोगे, समझे?"
अमन ने हाँ में सिर हिला दिया।
उस दिन के बाद से, रजनी ने अमन को अपनी "पत्नी" बना लिया। वह उसे साड़ी पहनाती, उसके लिए मेकअप करती, और बेड पर उस पर पूरी तरह हावी रहती। अमन को भी धीरे-धीरे इस रोल में मजा आने लगा।
और इस तरह, उनका अनोखा रिश्ता चलता रहा—जहाँ औरत मर्द थी, और मर्द औरत।
No comments:
Post a Comment