कहानी: "दाढ़ी, प्यार और बदली हुई भूमिकाएं"
पंजाब के एक छोटे से गांव में एक अनोखी जोड़ी रहती थी—हरजीत और गुरप्रीत। यह जोड़ी खास इसलिए थी क्योंकि उनका रिश्ता परंपरागत पति-पत्नी के रिश्तों से बिल्कुल अलग था। गुरप्रीत, जो एक खूबसूरत लेकिन मर्दाना लक्षणों वाली महिला थी, की दाढ़ी और शरीर पर बाल उसकी सबसे खास पहचान थे। दूसरी ओर, हरजीत, उसका पतला-दुबला और कोमल स्वभाव वाला पति, उसकी मर्दाना छवि का सबसे बड़ा प्रशंसक था।
यह कहानी उस दिन से शुरू होती है जब हरजीत ने गुरप्रीत से अपनी सच्ची भावना साझा की और उनके रिश्ते में एक नई दिशा आई।
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सुबह का आलस
सुबह का समय था। हरजीत किचन में चाय बना रहा था, जबकि गुरप्रीत आंगन में अपनी दाढ़ी को कंघी कर रही थी।
गुरप्रीत: (मुस्कुराते हुए) "ओए हरजीत, देख मेरी दाढ़ी। एकदम मर्दों जैसी लगती है, ना?"
हरजीत: (चाय का कप लेकर आते हुए) "हां, गुरप्रीत। सच में तेरी दाढ़ी देखकर लगता है कि मैं किसी पहलवान के साथ रह रहा हूं।"
गुरप्रीत: "ओए, मजाक मत कर। ये दाढ़ी मेरी शान है। और ये देख, मेरे हाथों और पैरों के बाल। असली मर्दानगी तो यहां दिखती है।"
हरजीत: (गंभीर होकर) "गुरप्रीत, मुझे सच में तेरी मर्दाना छवि बहुत पसंद है।"
गुरप्रीत: (हैरानी से) "सच? ये पहली बार है जब तूने ये बात कही।"
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पहली बार खुलकर बात
हरजीत: (झिझकते हुए) "हां, मैं हमेशा से तुझे तेरे दाढ़ी और शरीर के बालों के साथ बहुत आकर्षक मानता हूं। और... मुझे लगता है कि हमारे रिश्ते में तू ही असली मर्द है।"
गुरप्रीत: (हंसते हुए) "ओए, क्या बकवास कर रहा है? मैं तो तेरी पत्नी हूं।"
हरजीत: (गहरी सांस लेते हुए) "गुरप्रीत, सच्चाई यह है कि मैं हमेशा से तेरे मर्दाना अंदाज को पसंद करता हूं। मैं चाहता हूं कि तू मुझे अपनी पत्नी माने।"
गुरप्रीत: (आश्चर्य से) "मतलब? तू चाहता है कि मैं तुझे अपने जैसा बनाऊं? तू तो पहले से ही इतना नाजुक और प्यारा है।"
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रिश्ते में बदलाव की शुरुआत
एक गहरी बात
गुरप्रीत और हरजीत आंगन में बैठ गए। गुरप्रीत ने हरजीत का हाथ पकड़ा।
गुरप्रीत: "हरजीत, तू सच में चाहता है कि मैं इस रिश्ते में मर्द बनूं और तू मेरी पत्नी?"
हरजीत: "हां, गुरप्रीत। तू पहले से ही मुझसे ज्यादा ताकतवर है, और तेरा व्यक्तित्व भी मर्दों जैसा है। मुझे लगता है कि यह हमारे रिश्ते को और मजबूत करेगा।"
गुरप्रीत: (मुस्कुराते हुए) "ठीक है। अगर तू ऐसा चाहता है, तो मैं भी तैयार हूं। पर याद रख, मैं तुझे मजाक में चिढ़ाऊंगी।"
हरजीत: "चिढ़ा लेना। मुझे तेरा सबकुछ मंजूर है।"
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पहली बार नया अनुभव
दाढ़ी की बात
गुरप्रीत ने अपनी दाढ़ी पर हाथ फेरते हुए कहा:
"हरजीत, अब से तू मेरी पत्नी है। और मैं तेरे पति। यह दाढ़ी सिर्फ तेरी 'मर्द' के लिए है।"
हरजीत: (हंसते हुए) "ठीक है। पर मुझे डर है कि गांव वाले क्या कहेंगे।"
गुरप्रीत: "गांव वालों की छोड़। हमारे घर में जो हो रहा है, वही सबसे जरूरी है।"
पहला गले लगना
गुरप्रीत ने हरजीत को गले से लगाया।
गुरप्रीत: (धीरे से) "अब से तू मेरी प्यारी पत्नी है। मैं तुझे हमेशा खुश रखूंगी।"
हरजीत: "और मैं तेरा हर आदेश मानूंगा, मर्दानी गुरप्रीत।"
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एक दिन की घटना
नई भूमिकाओं का अभ्यास
अगले दिन, जब दोनों अकेले थे, गुरप्रीत ने अपनी आवाज को और भारी बनाकर कहा:
"हरजीत, मुझे चाय बना के ला। अब मैं इस घर का मर्द हूं।"
हरजीत: (मजाक में) "ठीक है, मालिक। मैं अभी चाय लाता हूं।"
जब हरजीत चाय लेकर आया, तो गुरप्रीत ने उसे अपनी गोद में बिठा लिया।
गुरप्रीत: "तू सच में बहुत प्यारा लगता है जब तू मेरी पत्नी बनता है।"
हरजीत: "और तू बहुत आकर्षक लगती है जब तू मेरी मर्द बनती है।"
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नई शुरुआत इंस्टाग्राम पर
पहली तस्वीर
गुरप्रीत ने अपने बालों वाले हाथ और दाढ़ी के साथ एक तस्वीर खिंचवाई।
गुरप्रीत: "देख, हरजीत। यह तस्वीर मैं तेरे लिए पोस्ट करूंगी। कैप्शन क्या डालूं?"
हरजीत: "डाल, 'पति और पत्नी, लेकिन अलग अंदाज में।'"
तस्वीर पोस्ट होते ही वायरल हो गई। लोगों ने उनके रिश्ते की तारीफ की।
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गहरी बातें और प्यार
रात का पल
रात को, जब दोनों साथ बैठे थे, हरजीत ने गुरप्रीत को फिर से गले लगाया।
हरजीत: "गुरप्रीत, मुझे तेरे साथ रहकर बहुत सुकून मिलता है। तूने मुझे खुद से प्यार करना सिखाया।"
गुरप्रीत: "और तूने मुझे यह सिखाया कि रिश्ते में सिर्फ प्यार मायने रखता है, न कि समाज की बातें।"
दोनों ने एक-दूसरे को कसकर गले लगाया और इस अनोखे रिश्ते को नए सिरे से जीने का फैसला किया।
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अंत: एक मिसाल
गुरप्रीत और हरजीत का यह अनोखा रिश्ता समाज के स्थापित नियमों को चुनौती देता है। उनके बीच का प्यार और स्वीकृति इस बात का प्रमाण है कि रिश्ते में बाहरी रूप-रंग या पारंपरिक भूमिकाओं से ज्यादा महत्व भावनाओं का होता है।
उनकी कहानी यह सिखाती है कि सच्चा प्यार किसी भी सीमा को पार कर सकता है।
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