Monday, 7 December 2020

धोबन आंटी पार्ट 4 - आंटी और बेटी एक साथ

 पार्ट 4

मेरी हालत देख के सारा की हंसी छूट गई , बोली " I am sorry ji " ।

मैंने कहा " हंसो मत , इज्जत बचानी है , और मेरी इज्जत तुम्हारी भी इज्जत है अब "

" हा वो तो है , बचानी तो है , पर तुम्हारी गांड़ इतनी सेक्सी है कि मै क्या करती ? और ऊपर से मेरी जवानी भी फुट रही थी , I am sorry बोला ना मेरी जान , अब सुनो , थोड़ा सरसो का तेल डाल लो , कुछ आराम मिलेगा और , बाहर जाके बोलना , बहुत थक गया हूं , और ज्यादा चलना फिरना मत ,मै कुछ और भी सोचती हू तब तक , थोड़ा बहुत मै भी लंगड़ा के चलती हूं , लोग समझ जाएंगे कि दुल्हन की भी तगड़ी चुदाई हुई है " 

" हा तेल लगा लू , ताकि तुम्हे और आसानी हो जाए मेरी गान्ड मे लौड़ा घुसेड़ ने में , मै सब समझ गया हूं मेरी लंड़धारी बीवी " मै इतना कह के मुस्कुराने लगा तो वो साड़ी के ऊपर से ही लौड़ा सहलाने लगी ।

" आइडिया तो आप का अच्छा है पर मै ऐसा कुछ नहीं करने वाली , आप हनीमून की तैयारी करो बस , अब जो होगा वही होगा "

" तुम तो मुझे डरा रही है यार " 

" अरे अब दो बार ले लिया है , अब किस बात का डर ? और सुनो अम्मी के भी ' आनी - जानी ' करनी है एक बार " 

" हाय , आंटी के , औटी को बोलो अपनी मूछें  डाई करले "  मै अपनी गांड़ के छेद को सहलाते हुए उसे चिढाने के मूड पे बोला।

" तुम्हे शर्म नहीं आती , मेरे होते हुए किसी पराई औरत के बारे में सोचते हुए , और वैसे भी अब आप उनको अम्मी ही बोला करो , सास है अब वो आपकी आंटी नहीं " 

" अच्छा ठीक है अम्मी बोलूंगा पर एक बात बोलो , तुम्हे जलन हो रही है ना ? "

" बस अब और मत छेड़ो वरना यही पटक के फिर से चोद दूंगी , और वो भी बिना तेल के " उसने झूठा गुस्सा दिखाते हुए बोला " और मूछें तो मेरी आ ही जाएगी बस फिर किस बात कि कमी है मुझमें भी " वो थोड़ी उदास भी हो गई ।

" अरे , I am sorry, तुम बीवी हो मेरी , अम्मी मर्द , वादा करता हूं कि ना तुम्हारे अलावा कोई औरत आएगी मेरी जिंदगी में , ना अम्मी के सिवा कोई मर्द" 

इतना सुन के वो खुश हो गई फिर भी झूठे गुस्से में बोली " हाय अल्लाह शर्म नहीं आती तुम्हे मेरी अम्मी को मर्द बोलते हुए और अपनी बीवी को औरत मानते हो तो फिर चोद के दिखाओ उसे कभी ? " 

" चोदूंगा मेरी जान , चोदूंगा , एक बार बस लन्ड बिना गांड़ मै लौड़ा डाले खड़ा हो जाए " इतना कह के मै हंस पड़ा और वो भी मेरे साथ हंस पड़ी 

" सुनो मुझे आपसे कोई शिकायत नहीं है , वैसे भी मुझे अपने लन्ड का इस्तेमाल करने में ही ज्यादा मजा आता है , वो तो मै यू ही छेड रही थी आपको , चलो अब जल्दी तैयार हो जाओ , बाहर निकल के बाकी रस्मे भी करनी है ।

अरे कोन से कपड़े पहनू ? और ये मेरी गान्ड आज मुझे ज्यादा मोटी क्यों लग रही है , ये देखो कितना चोदा है तुमने रात को , गांड़ भर गई मेरी !"

" हा हा हा , तुम्हारी गांड़ शुरू से ही लड़कियों टाईप मोटी थी , मुझे दोष मत दो , एक काम करो मेरी कोई पेंटी पहनलो, टाइट रहेगी तो थोड़ी गांड़ भी टाइट हो जाएगी ! " 

"और तुम ? तुम क्या करोगी अगर तुम्हारा लन्ड तन गया तो साड़ी मे मेरी गांड़ देख के ?"

" आप उसकी चिंता ना करो , मै हमेशा मर्दों वाली चड्डी ही पहनती हूं , उसी मे जगह होती है जहा मेरे टट्टे और लौड़ा सांस ले सके पर चड्डी के ऊपर कमर पे मैंने एक नाड़ा बांधा हुआ होता है , जैसे ही लन्ड खड़ा होने वाला कोई सीन होता है मै लंड नाड़े मै घुसा लेती हूं , फिर वो कितना भी क्यों ना तने और बढ़े, पेट से ही चिपका रहता है , मेरी नाभि को भी पार चला जाता है पर कोई टेंशन नहीं , लोग थोड़ा मोटा पेट समझ के ध्यान नहीं देते, अच्छा अब ये सब छोड़ो , चलो अब जल्दी करो , लोग क्या सोचेंगे की सुबह सुबह फिर शुरू हो गए ।" 

हम लोगो ने अपने अपने कपड़े पहने और बाहर आए , वो सच मे दुल्हन के लिबास में बड़ी सुंदर दिख रही थी , बिल्कुल 38 24 40 का फिगर और कातिल नयन- नक्श, कोन सोच सकता है कि इसके एक फुट भर का लंड भी है जो कि मोहल्ले क्या , मेरे ख्याल से पूरे शहर में किसी आदमी के भी ना हो सिवाए उसकी अम्मी के ।

हमने दिन भर की रस्मे पूरी की और शाम को मुझे आंटी के मतलब अब मेरी सास के घर ले जाना था , किसी तरह से उसने बहाना करके रात को वहीं रुकने का प्लान बना लिया , आखिर उसे अपनी मां का कर्जा को उतारना था मुझ से शादी करवाने का ।

मेरी सासू मुझे देखते ही खुश हो गई , उनके भी घर पे कुछ मेहमान आए थे , कुछ रस्मे वह हुई और मैंने यास्मीन को भी देखा , कपड़े उसने मर्दों वाले ही पहन रखे थे पर ब्यूटी पार्लर जाके आयी लग रही थी या चेहरे पे शेविंग की थी , एक दम चिकनी लग रही थी , सिर्फ मै ही जानता था कि उसकी जींस के अंदर लौड़ा छुपा हुआ था , वो भी खुश ही नजर आ रही थी , मैंने सोचा था छोटी बहन की शादी पहले होने पे दुखी होगी । मुझे से काफी हंसी मजाक कर रही थी क्युकी सिर्फ वही जानती थी कि हमारी सुहागरात में मेरी बीवी भी बॉलिंग कर सकती है , उसे मेरे लन्ड का साइज पता नहीं था ना सो वो कन्फर्म करना चाह रही थी कि किसने किसको चोदा। 

" बोलो ना गुड्डू ? तुमने चोदा सारा को या सारा ने चोदा तुमको ? वो बिल्कुल सीरियस होके मुझे पूछने लगी , मै कुछ बोलता उससे पहले ही सारा वह आ गई , उसने सब सुन लिया था बोली " बहुत चुदाई हुई मेरी , तुझे भी चुदना हो तो बोल ? थोड़ा तुनक के उसने बोला 

" पर तेरे भी तो लौड़ा है , तुझे मौका नहीं दिया जीजाजी ने " 

अरे मेरा लौड़ा खड़ा होता और ये मेरी चूत में लंड डाल देते , बिचारा मेरा लन्ड फिर बैठ जाता , फिर इनकी धुआधार चुदाई से खड़ा होता और झड़ जाता , कितना बुरी तरह चोदते हो आप , आपकी बीवी हूं अब कहीं भागने वाली नहीं हूं " सारा ने मुस्कुराते हुए बोला ।

" कितना बड़ा है आप का जीजाई ? सारा से भी बड़ा ?"

" हा बाबा , मेरा ही बड़ा है पर इनका बहुत दमदार है , 5 बार चोदा इन्होंने और सुबह भी नहीं छोड़ा , अब खुश ?" इतना कह के सारा मुझे खीच के ले गई ।

मैंने पूछा तुमने झूट क्यों बोला तो बोली " अब हमारी एक ही इज्जत है , दूसरी बात मै उसको जानती हूं , उसको सच्चाई बता देती तो शायद वो भी आपके पीछे पड़ जाती और अब मै सिर्फ अम्मी के सिवा आपको किसी से बांट नहीं सकती " उसने बड़े ही प्यार भरे लहजे में मुझ से चिपकते हुए बोला 

" और देखो वो कमिनी कहीं छुप के देख रही होगी " 

" और तुम्हारा नाड़े मै बंधा हुआ लौड़ा मेरी कमर पे महसूस हो रहा है , फिर चोदने का मूड हो रहा है ?"

" मूड तो ख़तम ही नहीं हुआ , पर अभी नहीं , सब ख़तम करके हनीमून पे ही करेंगे जो करना है " 

" तुम ऐसा क्या करोगी , मुझे थोड़ा डर लग रहा है ! 

" डरो मत मेरे राजा , चुदाई के अलावा कुछ नहीं करूंगी , और लिए तो चुके को 2 बार !"

" नहीं तुम्हारे तेवर कुछ ठीक नहीं लग रहे " 

" ठीक है फिर डरते रहो , या फिर कुछ और ? " चलो अब हमारे कमरे में जाओ , मै आती हूं रिश्तेदारों से मिलके "

" कोनसा कमरा , मुझे क्या पता ? "

" मेरा कमरा , जिसमे मै रहती थी , छत पे , वही जाओ , मै आती हूं , लेट हो जाए तो से जाना , क्युकी वैसे भी मै कुछ करने वाली नहीं है " इतना कह के वो हंसती हुई चली गई ।

मै कमरे में गया और कपड़े उतारने के सोने कि तयारी करने लगा , सारा बाहर ही थी , मै समझ गया कि वो सच मे बिज़ी है और अपने रिश्तेदारों से बाते करके लेट है आएगी , मै सोने लग गया अपने बेड में और रात को काफी लेट कमरे में दस्तक हुई , मैंने सोचा सारा को अब फुर्सत मिली होगी और, आंटी मतलब अम्मीजी को तो कहा फुर्सत मिली होगी , सो रात को मेरी गान्ड को आराम है । 

पर मैंने महसूस किया कि जो हाथ मेरी बॉडी पे है और बहुत भारी है और रफ भी है , पहले तो मै डर गया कि कहीं लोगो को पता ना चल गया हो और सासू ने किसी आदमी को ना भेज दिया हो , पर जब अंधेरे मे उनकी बॉडी देखी तो उनके मोटे मोटे स्तन देख के समझ गया कि मेरी आंटी ही है " सारा कहा है अम्मी जी ? " 

" अच्छा तुझे बड़ी आदत हो गई एक ही दिन में ? 

उन्होंने जल्दी जलदी में अपने पूरे कपड़े उतार दिए और मेरे पलंग के पास आ गई । उनका लंबा चौड़ा शरीर देख के मै सिहर गया और मेरा लन्ड भी सनसनाने लगा । उन्होंने मुझे भी सारे कपड़े उतारने को कहा , फिर वही पर सारा की ड्रेसेस रखी हुई थी , उनमें से जल्दी से एक टॉप और स्कर्ट पहना दी और पलंग मै धकेल दिया 

" इतनी भी जल्दी क्या है , अभी तो पूरी रात पड़ी है "

" तुझे नहीं , मुझे तो है , 2 दिन से तेरा इंतजार कर रही हूं , और डर भी रही थी कि कहीं सारा मना ना करदे पर मेरी बच्ची को सच मे मेरा ख्याल है 

शेष आगे ..

Part 5 

" आप की बच्ची को आपके लंड का ख्याल है पर मेरी गांड़ का नहीं , पता है कितना चोदा है उसने रात को मुझे , चला भी नहीं जा रहा था सुबह तो !" मै मुस्कुराते हुए बोला 

" हाय मेरे राजा , ऐसा किया उसने , दिखा जरा " इतना कह के वो पलंग मै चढ गई और मेरी टांगो के पास आके घुटनों के बल खड़ी हो गई । उनकी बालो से भरी मांसल जांघें और उसपर झांटों से भरे उसे मोटे लंड को देख के मेरा मन करने लगा कि गांड़ की परवाह किए बिना एक बार और आंटी से चुद लिया जाए । आंटी मेरी टांगे फैला के मेरी गान्ड के छेद को देखने लगी , फिर बोली " हा लाल तो बहुत ही रखा है , तेल नहीं लगाया था क्या ? " 

तेल लगा के भी क्या होता , पूरे 5-6 बार झड़ी है आपकी लाडली , 2 घंटे के आस पास धुआंधार चुदाई हुई है मेरी " मै थोड़ा रुआंसा सा होके एक्टिंग करने लगा । 

" ओह राजा , मै समझा दूंगी उसे , अभी बच्ची है , फिर पहली बार चोदा है उसने किसी को " इतना कह के आंटी ने अपने भारी बोबों के बीच मेरा सर रख के मुझे प्यार से चिपका लिया , आंटी के मोटे मोटे बोबे तो बड़े सुखद लग रहे थे पर स्तनों के बीच के छाती के बाल मेरे मुंह में भर गए और मुझे एक मर्द की छाती का भी अहसास हुआ , सच मे , बोबो के बीच उनके कड़क काले मर्दों के बालो मे मुंह छुपाते ही मेरे लन्ड मै फिर सुरसुरी होने लगी ।

" क्या हुआ ? मेरी छाती के बाल मुह मे लेके कैसा लग रहा है ? नुन्नि खड़ी हो रही है मेरी रानी की ? " आंटी ने पहली बार मुझे लड़की की तरह संभोधित किया , मेरे लन्ड मै सुरसुरी सी आ गई ,  मैं कुछ नहीं बोला बस उनकी छाती के बाल मुह मे लेके अपने दोनों हाथ आंटी की बाल भारी कलाइयों पे फिराने लगा । 

आंटी समझ गई कि मै धीरे धीरे गर्म हो रहा हूं और चुदने के लिए तैयार हूं , वो मेरे मुंह को अपने सीने से हटा के अपने मुंह के पास लाई और मेरे दोनो कोमल से होटो को अपने मूछों से भरे मोटे होठों के बीच ले के चूसने लगी , जैसे कोई बच्चा लॉलीपॉप चूसता है , औटी की लंबी नाक देदी होके बिल्कुल मेरी नाक के साइड मे आ रखी थी और हमदोनो की नाक के बीच सिर्फ उनकी मूछों के बाल खड़े थे और मेरी नाक के नीचे गुदगुदी करने लगी ।

 मै अपने हाथ अब उनकी चौड़ी कमर पे ले गया और आंटी को कस के जकड़ लिया , मेरी टांगे अपने आप खुल गई आंटी मेरे ऊपर आने लगी । थोड़ी देर में आंटी मुझ पे पूरी तरह से लेट गई और उनका लौड़ा पूरा तन्ना के मेरी गान्ड के छेद पे दस्तक देने लगा । 

आंटी का 100 kg ka तंदरुस्त बदन के नीचे मै तो जैसे पापड़ की तरह चिपट गया था , पर मुझे उनका वजन बहुत अच्छा लग रहा था , उन्होंने मेरा सारा वजन अपने दोनो हॉथो मे ले रखा था और उनकी बाइसेप्स फुली हुई बहुत मर्दाना लग रही थी ,उन्होंने मुझे ऐसे जकड़ रख था कि मै बिस्तर पे छू भी नहीं रहा था , बहुत बल था आंटी के हाथो मे , फिर उन्होंने अपनी टांगो से ही मेरी टांगो को और चौड़ा किया और उनका लंड अपने आप अपना रास्ता ढूंढते हुए मेरी गान्ड के छेद में घुसने लगा , आंटी दोनो हाथो से मुझे संभाले हुए मेरे मुंह का बलात्कार करने में व्यस्त थी , उनकी मूछों और दाढ़ी के बालो ने मेरे गोरे चेहरे को लाल कर दिया था , थोड़ी देर में ही मैंने महसूस किया कि उनका लौड़ा मेरी गान्ड मे घुस चुका है और उनके भारी टट्टे मेरी गाडी पे सपाटे मार रहे है , मेरे मुंह से आह निकल गई । मैंने जोर से उन्हे जकड़ लिया , उनके भारी भारी बोबे मेरे सीने पे गद्दे के माफिक लिपट गए थे , वो फिर थोड़ी सी उठी और अपने आप को घुटनों पे लेटी हुई मुझे चोदने लगी 

" मजा आ रहा है गुड्डू ? " 

हा आंटी , बहुत अच्छा लग रहा है आप मे ती बहुत बल भी है ! मोहल्ले में तो कोई भी आप का मुक़ाबला नहीं कर सकता "  मै आंटी के मजबूत शरीर कि तारीफ करते करते ही झड़ सा रहा था ।

" अच्छा तो फिर ये बता ? कोन अच्छा चोदता है ? मै या सारा ? " उन्होंने ख़तरनाक सवाल पूछ लिया था ।

" सारा चोदती है तो ऐसा लगता है एक लड़की अपने लन्ड से लड़के को चोद रही है , पर आप चोदती हो तो लगता है एक मर्द औरत को चोद रहा है " मुझे उसके साथ लड़का ही होने का अहसास रहता है , आप मुझे तो बिल्कुल मर्दों के तरह चोदती हो " मैंने थोड़ा घुमा के जवाब दिया तो वो और भी खुश हो गई और  मुस्कुराने लगी और मुझे गोद में उठा के खुद ही अपने हाथो से उछाल उछाल के चोदने लगी । मै उह आह की आवाजे निकालने लगा । " सच मे बहुत मोटा और लम्बा है आपका आंटी , जरा धीरे "

" बेटा जब तक औरत के मुंह से चीख ना निकले तब तक मर्द की मर्दानगी कहा दिखती है , मै रुक तेरा कचूमर निकालती हूं " इतना कह के वो मुझे फूल स्पीड में चोदने लगी । इतने में सारा कमरे में आ गई, उसने जींस और शर्ट पहना हुआ था और चेहरे पे नकली दाढ़ी मूछ लगा रखी थी , मुझे लगा कि ये यास्मीन के मर्दाना कपड़े है पर उसने क्यों पहने है ? कहीं सारा भी मर्द तो नहीं बनना चाहती , उसने अपने बाल भी बिल्कुल चिपका के सर के ऊपर जुड़ा सा बनाए हुए थी। ,मेरी फूल स्पीड चुदाई देख के उसने अपनी जींस की चैन खोली और अपना लौड़ा निकाल के हिलाने लगी , एक मिनिट मे उसका फुट भर का लौड़ा पूरा तन गया ,फिर उसने मेरे पास आके मेरे टॉप को ऊपर करके मेरी निप्पल चूसने लगी और एक हाथ से अपना लन्ड सहलाने लगी । मै उससे पूछना चाह रहा था कि उसने ये मर्दों वाला लिबास और दाढ़ी मूछ क्यों पहनी है पर मेरे मुह को तो आंटी चूस रही थी । फिर अम्मी ने जैसे ही मेरा मुंह छोड़ के गरदन ढीली की और मै कुछ पूछता उससे पहले ही सारा पलंग पे उछल के खड़ी हो गई और मेरे मुंह पे अपना लौड़ा घुसेड़ दिया बोली " तुम्हे बड़ा शोक है ना लड़की बनके चूदवाने का ? सो देखो मैंने भी सोचा आज मौका है , मै भी लड़का बन के तुम्हे चोदूं , मेरी अम्मी की चुदाई से वैसे भी तुम्हारा मुंह खुला हुए है इसमें लौड़ा डाल के चीखे बंद करना भी जरूरी है , वरना यास्मीन को पता चल गया तो तुम्हे तीन तीन लौड़े लेने पड़ेंगे , अब मुंह में लेके चूसो मेरे लन्ड को डार्लिंग , देखा आखिर मौका मिल है गया मुझे " इतना कह के उसने पूरा लौड़ा मेरे गले तक उतार दिया । 

दोनो मां बेटी मेरा बलात्कार करने में लग गई , आंटी मेरी गान्ड को अपने लन्ड पे उछाल उछाल के चोद रही थी तो उनकी बेटी मेरा मुंह अपने लौड़े से दबा दबा के चोद रही थी । मैंने देखा सारा के भी बाइसेप्स फूल गए थे मेरे सिर को पकड़ ने में और ऐसा लग रहा था कि शायद वो भी मेरे से ज्यादा ताकतवर है , मै कुछ नहीं बोला पर अपनी बीवी को अपने से ज्यादा ताकतवर जान के मेरा लन्ड तन गया । आंटी और सारा ने मेरी तन्नी हुई नुंनी देखी और उसकी साइज देख के हंसने लगी , दोनो मे जैसे नया जोश आ गया ही , मुझे अंदाजा ती नहीं की मेरी ऐसी भी चुदाई होंगी , तकरीबन दोनो मुझे 10 मिनिट तक ऐसे ही चोदती रही और फिर जाके आंटी को वीर्य मेरी गान्ड मे छूटा और सारा ने मेरे मुंह में पिचकारी छोड़ी , मुझे तो पता भी नहीं था कि सारा के भी वीर्य निकलता है , बो भी इतना गाड़ा और ढेर सारा , मेरा पूरा मुंह भर गया ," चुपचाप पर जाओ इसे , थोड़ी ताक़त मिलेगी तुम्हे " सारा ने आंखे निकलते हुए बोला । 

मै सोचने लगा कि हम मै से मर्द कोन है , मै या सारा ? 

फिर दोनो ने मुझे छोड़ा और मै बिस्तर पे लाश की तरह गिर गया , दोनो के लंड अभी भी तननाए हुए थे , आंटी का लौड़ा थोड़ा झुक गया था पर सारा का अभी भी राकेट के तरह खड़ा था ।

" तुम बहुत सेक्सी लग रही हो लडको की ड्रेस और दाढ़ी मूछ मै " मैंने उसका वीर्य निगलते हुए और फिर उसे उकसाते हुए बोला क्युकी उसका वीर्य निकलता है ये जान के मै और थोड़ा पनिया गया था , ऐसा लग रहा था मेरी गान्ड चूत की तरह पानी छोड़ रही है और सारा भी अभी पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हुई है 

" तुम भी गदराई हुई मस्त रांड लग रहे हो मेरी स्कर्ट और टॉप पे , मुझ पे तो ये कभी इतने अच्छे नहीं लगे होंगे , थोड़े मेकअप की कमी है , अगली बार थोड़ी लिपिस्टिक लगा के रखना फिर लौड़े को चूसोगी तो अच्छा लगेगा " पहली बार सारा ने भी मुझे लड़की की तरह बात की।

" यार अभी मै पूरी तरह संतुष्ट नहीं हुई हू , इसबार कुछ नया ट्राई करते है , बोलो कैसे चोदू ये बताओ ?  कुत्ति बनके चुदोगे ? मुझे काफी डॉमिनेटिंग लगता है ऐसे करके चोदना , फिर चोदते चोदते गांड़ पे सपाटे लगाना ?"

" तुम मुझे डोमिनेट करना चाहती हो क्या ? " मैंने थोड़ा रुआंसे होते हुए बोला ।

" " ये नाटक बंद करो , मैं तो सिर्फ प्यार करना चाहती थी पर मुझे समझ आ गया कि तुम सिर रण्डी की तरह ही चुद के खुश होते हो , सो इसीलिए  मुझे अब पूरा मर्दाना रूप लेना पड़ेगा " इतना कह के उसने अपनी नकली मूछों पे तब दिया ।

 आंटी खड़ी हो के एक तरफ कुर्सी पे बैठ गई और सारा ने मुझे उल्टा कर के कुत्तियां बना दिया और खुद लंड घुसेड़ के मेरी पीठ पे चढ गई । 

" आज सच मै कुत्ते वाली फीलिंग आ रही है , तुम्हारी , गांड़ भी कुटिया की चूत जैसी दिख रही है चलो फिर आज कुटिया ही सही , तुम बुरा तो नहीं मानोगे ना मेरे पतिदेव ? " इतना कह के वो हंसने लगी फिर मेरे मजे लेने के लिए बोली " शर्म नहीं आती तुम्हे रंडियों को तरह , दूसरे लंड से चुदती हो " 

" अच्छा , जैसे कि मै आया था यहां चुदने , तुम्हे शर्म नहीं आती , अपने पति को चुद्वाते हुए ? मैंने भी मजे लेते हुए बोला ।

" तुम रुको जरा हनीमून तक , ऐसा चोदूंगी ना , किसी और से चुदवाना भूल जाओगे "

मै फिर डर गया और आंटी की तरह देखते हुए बोला " आंटी ये कल से तीसरी बार मुझे हनीमून की धमकी दे रही है , क्या करेगी ये ? 

" अरे बेटा डरे मत , ये तो यू हूं तेरे मजे ले रही है " इतना कह के आंटी फिर से अपने लौड़े को सहलाने लगी । मैंने देखा वो फिर से तैयार हो रही थी मैंने बोला  " नहीं अब और नहीं , आज कि रात इतना ही काफी है " इतना सुन के दोनो मां बेटी जोर ज़ोर से हंसने लगे । 

1 comment: